शराब तस्करी का ट्रैप लगाने गई Commissionerate Polic को देहात पुलिस ने घेरा, हंगामा

punjabkesari.in Sunday, Aug 20, 2023 - 10:58 AM (IST)

जालंधर: ट्रैप लगा कर जंडूसिंघा नजदीक पहुंची जालंधर कमिश्नरेट पुलिस देहात पुलिस के ट्रैप में फंस गई। मुखबिर के कहने पर शराब की 200 पेटियों की डील करने के बाद डिलिवरी लेने पहुंची कमिश्नेरट पुलिस की टीम को तस्कर समझ कर देहात पुलिस भी ट्रैप लगा कर खड़ी थी। जैसे ही कमिश्नरेट पुलिस का एक मुलाजिम व मुखबिर शराब के ठेकेदार के पास डिलिवरी लेने पहुंचे तो देहात पुलिस ने दोनों को काबू कर लिया। बाद में पता लगा कि बिना देहात पुलिस के अधिकारियों को सूचना दिए कमिश्नरेट पुलिस की एक टीम अपने इलाके से बाहर तथा कथित तौर पर शराब तस्करी करने वाले ठेकेदार को उठाने आई थी।

इस मामले को लेकर कमिश्नरेट पुलिस और देहाती पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं है क्योंकि किरकिरी तो आखिरकार पुलिस की ही हुई है। सूत्रों की माने तो कुछ समय पहले शराब की बड़ी खेप बरामद करवाने वाले मुखबिर ने कमिश्नरेट पुलिस को सूचना दी थी कि वह 200 पेटी और बरामद करवा सकता है। ऐसे में मुखबिर ने एक सेल की टीम के साथ सैटिंग की। सेल की टीम 200 पेटी शराब की डील करने के लिए साढे़ 3 लाख रुपए गाड़ी में डाल कर ले गई।

पहले तो शराब ठेकेदार ने जालंधर डिलिवरी देने को कहा लेकिन बाद में उसने शराब की डील करने वालों को जंडूसिंघा बुला लिया। ठेकेदार को पता नहीं था कि मुखबिर के साथ पुलिस उसके साथ डील कर रही है। ठेकेदार ने उन्हें तस्कर समझ कर थाना आदमपुर की पुलिस को सूचना दी कि उसके साथ कुछ तस्कर 200 पेटी शराब की पेटियों की डाल करके गए हैं जो डिलिवरी लेने के लिए जंडूसिंघा के पास आ रहे हैं।

थाना आदमपुर की पुलिस भी शराब तस्कर को पकड़ने के लिए ट्रैप लगा कर बैठ गई। मुखबिर और एक मुलाजिम को ठेकेदार के पास से डिलिवरी की 200 पेटी अपलोड करवानी थी जबकि आसपास अन्य मुलाजिम नजर बनाए बैठे थे। उधर जैसे ही कमिश्नरेट पुलिस का मुखबिर और मुलाजिम शराब ठेकेदार के पास पहुंचा तो आदमपुर पुलिस इशारा समझते ही बाहर निकल आई। ठेकेदार ने पहले तो मुखबिर की जमकर पिटाई कर दी लेकिन मुलाजिम ने जब अपने बारे बताया और कमिश्नरेट पुलिस के बाकि के मुलाजिम भी सामने आ गए तो फिर जाकर पता लगा कि दोनों एक-दूसरे के ट्रैप में ही फंस गए हैं।

हालांकि आदमपुर की पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है। उधर थाना आदमपुर के प्रभारी मनजीत सिंह ने दबी जुवान में कहा कि यह मामला उनके ध्यान नहीं हैं। जाहिर है कि कमिश्नरेट पुलिस टीम की लापरवाही के कारण हुई किरकिरी को छिपाने के लिए एक थाने की पुलिस ही दूसरे थाने की पुलिस का ही साथ देगी।

हंगामे का फायदा उठा कर मुखबर ने ही खेल दी गेम

कमिश्नरेट पुलिस का मुखबिर पुलिस टीम के साथ ही गेम खेल गया। जैसे ही हंगामा हुआ तो मुखबिर ने सबसे पहले गाड़ी में रखे साढे़ 3 लाख रुपए कार की सीट के नीचे बने बॉक्स में छिपा दिया। हंगामा शांत हुआ तो पुलिस को साढे़ 3 लाख रुपए गाड़ी से नहीं मिले। मुखबिर ने आरोप लगाया कि कहीं ठेकेदार ने ही पैसे न निकाल लिए हों लेकिन ऐसा नहीं था। पैसे गायब हुए तो एक ओर टैंशन बढ़ गई।

कमिश्नरेट पुलिस के एक मुलाजिम को शक हुआ तो उसने गाड़ी की तलाशी लेने शुरू की और सारा कैश सीट के नीचे बने बॉक्स से मिल गया। पता लगा कि हंगामे दौरान मुखबिर ही गाड़ी के पास गया था और उसी ने पैसे चुराने के चक्कर में सारी गेम रची है। ऐसे में पहले तो आरोपों में घेरे ठेकेदार व उसके साथियों ने मुखबिर की पिटाई की और फिर कमिश्नरेट पुलिस के मुलाजिमों ने भी उसे पीटा। बाद में कमिश्नरेट पुलिस ने मुखबिर का मोबाइल भी अपने पास जब्त कर लिया था जो दोपहर तक उसे नहीं लौटाया गया था।

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News Editor

Urmila

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