जालंधर DC के खिलाफ दाखिल हुआ Court Case, जानें पूरा मामला

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 04:07 PM (IST)

जालंधर (खुराना): माडल टाऊन के साथ लगते लतीफपुरा की सड़कों से अवैध कब्जे हटाने संबंधी हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेशों को अनदेखा करना जिला प्रशासन को अब भारी पड़ रहा है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों का समयबद्ध पालन न होने पर याचिकाकर्त्ताओं ने डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल के खिलाफ अदालत में कंटैम्प्ट ऑफ कोर्ट की याचिका दायर कर दी है। इस मामले पर आज जस्टिस पंकज जैन की अदालत में सुनवाई हुई, जहां अगली तारीख 15 दिसम्बर 2025 निर्धारित की गई। अदालत ने साफ कहा कि अगली सुनवाई तक हर हाल में आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

गौरतलब है कि 29 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने डी.सी. जालंधर को निर्देश दिए थे कि एक महीने के भीतर लतीफपुरा की सड़कों पर से सभी अवैध कब्जे हटाकर यातायात बहाल किया जाए मगर लगभग 4 महीने बीत जाने के बावजूद एक भी कब्जा नहीं हटाया गया। इस लापरवाही के चलते याचिकाकर्त्ता सोहन सिंह और रविंद्र सिंह के वकील एडवोकेट रणजीत सिंह बजाज और सिदकजीत सिंह बजाज ने पहले कानूनी नोटिस भेजा और अब हाईकोर्ट में कंटैम्प्ट याचिका दायर कर दी। नोटिस में चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर याचिकाकर्त्ताओं को एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

हाईकोर्ट का कड़ा आदेश भी रहा बेअसर

जुलाई में हुई सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल के प्रतिनिधि मौजूद थे। अदालत ने साफ आदेश दिया था कि लतीफपुरा की सड़कों पर बने सभी कब्जे तुरंत हटाए जाएं और यातायात बहाल किया जाए। इसके बावजूद न कोई अभियान चला और न ही सड़कें खुलवाई गईं। लतीफपुरा की 120 फुट चौड़ी मुख्य सड़क, जो सालों से कब्जों की मार झेल रही है, आज भी बंद है। 2022 के तोड़फोड़ अभियान के बाद मलबा तक नहीं हटाया गया और न ही सड़क की दोबारा मुरम्मत हुई। धीरे-धीरे विस्थापित परिवारों ने फिर अस्थायी झोंपड़ियां बनाकर सड़क घेर ली। इससे स्कूली बसों, एंबुलैंसों और आम वाहनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पुनर्वास न मिलने से जारी है विरोध

2022 में हुए डिमोलिशन ऑप्रेशन के बाद विस्थापित परिवारों ने लतीफपुरा पुनर्वास मोर्चा बनाकर सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर दिया। आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं ने शुरुआत में राहत देने के प्रयास किए, पर धीरे-धीरे यह मामला राजनीतिक रूप से ठंडा पड़ गया। आज न कब्जे हटाने पर कोई बोल रहा है, न पुनर्वास की दिशा में कोई कदम उठ रहा है। अब अदालत की सख्ती के बाद लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस बार आदेशों की अनदेखी नहीं करेगा और लतीफपुरा की बंद पड़ी सड़कें जल्द खुलेंगी। खास बात यह भी है कि पिछले वर्ष जालंधर पुलिस ने हाईकोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट में दावा किया था कि सड़क पूरी तरह कब्जामुक्त है, जबकि याचिकाकर्त्ताओं ने इसे झूठा बताते हुए पक्के निर्माण और टैंटों की मौजूदगी की तस्वीरें पेश की थीं। इस पर अदालत ने सख्त निर्देश जारी किए थे पर जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लतीफपुरा मामले की पूरी टाइमलाइन

  • 2006–2007 : इंप्रूवमैंट ट्रस्ट की 110 एकड़ स्कीम के कुछ प्लॉटों पर अवैध कब्जों के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर।
  • 16.08.2012 : लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए।
  • 13.12.2012 : कब्जाधारियों की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज।
  • 02.12.2013 : कब्जाधारियों की सुनवाई के लिए कमेटी का गठन।
  • 09.01.2014 : इंप्रूवमैंट ट्रस्ट ने कब्जाधारियों की सभी अपीलें खारिज कीं, पंजाब सरकार ने भी प्रस्ताव पास किया।
  • 2014 : मामला दोबारा हाईकोर्ट पहुंचा।
  • 10.02.2014 : हाईकोर्ट ने याचिका निरस्त कर पंजाब सरकार को मामला सुलझाने के आदेश दिए।
  • 11.03.2014 : पंजाब सरकार ने क्षेत्र की दोबारा पैमाइश संबंधी आवेदन खारिज किए।
  • 03.12.2016 : आदेश लागू न होने पर याचिकाकर्त्ताओं ने लीगल नोटिस भेजा।
  • 2019 : कार्रवाई न होने पर अदालत की अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दायर।
  • 21.08.2019 : पंजाब के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी ने कब्जे हटाने संबंधी निर्देश भेजे।
  • 15.11.2021 : ट्रस्ट चेयरमैन ने स्टेटस रिपोर्ट में जिम्मेदारी जालंधर पुलिस पर डाली।
  • 23.09.2022 : मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को 3 माह में फैसला करने को कहा।
  • 09.12.2022 : बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर लतीफपुरा के सभी कब्जे गिराए गए।
  • 12.12.2022 :  प्रशासन और ट्रस्ट ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट देकर कहा–कब्जे पूरी तरह हटाए जा चुके हैं।
  • 09.01.2023 : हाईकोर्ट ने कब्जों के संबंध में दायर याचिका निरस्त कर दी।
  • 13.06.2023 : याचिकाकर्त्ताओं ने फिर शिकायत की, कब्जे अभी भी नहीं हटे, प्लाटों तक पहुंचना मुश्किल। दोबारा याचिका दायर।
  • 29.07.2025 : हाईकोर्ट ने जालंधर के डिप्टी कमिश्नर को एक महीने के भीतर सभी कब्जे हटाने के निर्देश दिए।

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News Editor

Kamini

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