घग्गर ने मचाई तबाही, दरार बढ़कर 150 फुट हुई

punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2019 - 10:36 PM (IST)

संगरूर: हिमाचल प्रदेश की चोटियों पर ग्लेशियर पिघलने तथा भारी बारिश के कारण पंजाब के संगरूर जिले में घग्गर नदी के बांध में आई दरार बढ़कर डेढ़ सौ फुट लंबी हो गई है जिससे हालात बदतर होते जा रहे हैं। नदी पर बने बांध में कुल 60 फुट लंबी दरार पडऩे से दर्जनों गांव डूब गए तथा हजारों एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। इस साल भी पंजाब व हरियाणा के लोगों का भय सच में तबदील हो गया और घग्गर का बांध टूटने से दर्जनों गांव और कई एकड़ कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आ गई। दोनों ही राज्यों में यह हालात हैं कि आजादी के बाद घग्गर नदी में 14 बार बाढ़ आ चुकी है, लेकिन शासन और प्रशासन बाढ़ आने से पहले पुख्ता इंतजाम करने में नाकाम रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 दशकों से पंजाब-हरियाणा में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुक्सान हो चुका है। 

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इन वर्षों में हुआ सबसे ज्यादा नुक्सान 
घग्गर पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक नदी में कमजोर जल प्रबंधन और सिंचाई की व्यवस्था के कारण बाढ़ की हर साल संभावनाएं रहती हैं। शासन व प्रशासन भी लोगों की समस्या का स्थाई हल ढूंढने में नाकामयाब रहा है। नदी में साल 1976, 1981, 1984, 1988, 1993, 1994, 1995, 1996, 1997, 2000, 2001, 2004, 2010, 2015 में बाढ़ आ चुकी है। नैशनल डिजास्टर मैनेजमैंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1993, 1995, 2004 और 2010 में आई बाढ़ में पंजाब व हरियाणा की जनता को सबसे ज्यादा खमियाजा भुगतना पड़ा। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में नदी का कुल 49,978 वर्ग किलोमीटर कैचमैंट एरिया है। हिमाचल के सिरमौर में करीब 1490 मीटर ऊंची शिवालिक पहाड़ी से नदी का उद्गम होता है। पाकिस्तान तक इस नदी की कुल लम्बाई 646 किलोमीटर है। नदी का 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पंजाब व हरियाणा में है।

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यहां से आता है बरसाती पानी
मानसून में तेज बारिश, चंडीगढ़, पटियाला, पंचकूला सहित कई इलाकों का बरसाती पानी गिरता है। हिमाचल के सिरमौर में मानसून में 1124, सोलन में 912, चंडीगढ़ में 849, पंचकूला में 911 जबकि पटियाला में 541 मिलीमीटर होने वाली बरसात इस नदी को उफान पर ला देती है। इसके अलावा इस नदी के तटबंधों पर 2 दशक में दोनों राज्यों में 1200 से अधिक पाइपलाइन बनी हुई हैं, जिनके जरिए करीब 6 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। इसके अलावा नदी के तटबंध जंगल का रूप ले चुके हैं। सिरसा जिले में तो पंजाब बॉर्डर तक सरकारी बांध भी नहीं बना है। ऐसे में हर साल पंजाब और हरियाणा की करीब 11 लाख आबादी को परोक्ष रूप से नदी में आई बाढ़ की वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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मंत्री कांगड़ ने लिया राहत कार्यों का जायजा
मूनक के गांव फूलद में घग्गर दरिया में पड़ी दरार को बंद करने के लिए करवाए जा रहे कार्यों का जायजा लेने पहुंचे पंजाब के माल, पुनर्वास और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह द्वारा विशेष गिरदावरी के निर्देश देते हुए पीड़ित किसानों की प्रत्येक तरह की मदद का विश्वास दिलवाया गया है। किसानों की फसल के हुए नुक्सान का पंजाब सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा। 
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Vaneet

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