पंजाब में मंडरा रहा इस बीमारी का खतरा! स्वास्थ्य विभाग ने किया Alert
punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 08:30 AM (IST)

चंडीगढ़: कोरोना के बाद अब पंजाबवासियों को डेंगू के खतरे का डर सता रहा है। पंजाब में वर्ष 2021-22 के मुकाबले वर्ष 2022-23 में डेंगू के मामलों में बेशक 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग फिर भी इस बीमारी के फैलने व बचाव के लिए सतर्क है। वर्ष 2021-22 में जहां पंजाब में डेंगू के 23389 मामले सामने आए थे, वहीं वर्ष 2022-23 में यह आंकडा घटकर 11030 रह गया लेकिन फिर भी विभाग ने आगामी डेंगू के प्रकोप पर रोक लगाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां संबधित विभागों के साथ प्रबंधों की तैयारियों के लिए बैठकों का दौर जारी है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता की जागरुकता के लिए एडवाइजरी भी जारी कर सलाह दी है कि इस बीमारी को नजरअंदाज न किया जाए क्योंकि सतर्कता न बरतने पर यह जानलेवा साबित हो सकती है।
मोहाली, पटियाला व लुधियाना रहे हैं सर्वाधिक प्रभावित
वर्ष 2022-23 के दौरान जो राज्य में डेंगू के 11030 मामले सामने आए थे। इनमें मोहाली (1827), पटियाला (1081) और लुधियाना (1072) ऐसे जिले हैं, जिनमें 1000 से अधिक मामले सामने आए। इसके अलावा 500 से अधिक मामले सामने आने वाले जिलों में पठानकोट (796), फतेहगढ़ साहिब (862) और रूपनगर (840) शामिल हैं।
डेंगू टैस्ट के रेट पहले से तय
पंजाब सरकार ने डेंगू के टैस्ट की कीमतें भी पहले से तय कर रखी हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से राज्य भर के निजी अस्पतालों और लैबोरेटरीज में डेंगू टैस्ट की कीमत 600 रुपए रखी है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग टैस्ट करवा पाएं। वहीं, सरकारी अस्पतालों में डेंगू की जांच और उपचार मुफ्त किया जाता है। डेंगू और मलेरिया महामारी रोग एक्ट, 1897 के अधीन नोटीफाइड बीमारियां हैं और इसके अनुसार पंजाब राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों को डेंगू और मलेरिया के मामलों की रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पेश करनी पड़ती है, जिससे डेंगू के किसी भी मामले में विभाग की तरफ से समय पर कार्यवाही की जा सके।
कैबिनेट मंत्री भी आए थे चपेट में
पिछले साल नवम्बर में पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. भी डेंगू की चपेट में आ गए थे। वह गुरु नानक देव मैडीकल कॉलेज में भर्ती हुए और अपना उपचार कराया था। अस्पताल में उनके टैस्ट करवाए गए थे, जो डेंगू पॉजिटिव आने के कारण उन्हें भर्ती किया गया था।
डेंगू से मृत्यु दर राष्ट्रीय मानकों से बेहतर
बेशक वर्ष 2022-23 के दौरान पंजाब में 110&0 डेंगू मरीजों में से 41 का जीवन नहीं बचाया जा सका लेकिन यह मृत्यु दर राष्ट्रीय मानकों यानी 1 प्रतिशत से 0.&7 के रूप में बेहतर है। इससे पिछले वर्ष 2021-22 में यह दर 0.24 थी।
यह कहा गया है एडवाइजरी में
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम नागरिकों को डेंगू से बचाव के लिए जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि डेंगू को हल्के में न लें। तेज बुखार के साथ सिरदर्द, मासपेशियों में दर्द, चमडी पर दाने, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द,मसूड़ों व नाक से खून आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
डेंगू से बचाव के तरीके
- डेंगू मच्छर खड़े पानी में पनपता है इसलिए कूलर, गमलों व फ्रीज आदि की ट्रे में जमा पानी को सप्ताह में एक बार बदलें।
- शरीर को पूरा ढकने योग्य कपड़े पहनें।
- सोते समय मच्छरदानी या म‘छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
- बुखार होनें पर एस्प्रिन या ब्रुफीन की जगह सिर्फ पैरासिटामोल लें।
- पानी या अन्य तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें।
- छतों पर रखी पानी की टैंकियों के ढक्कन अ‘छी तरह बंद रखें।
अन्य विभागों की भी है जिम्मेदारी
हालांकि यह समझा जाता है कि डेंगू की रोकथाम के लिए सिर्फ स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार है लेकिन इसके लिए बहु विभागीय कार्ययोजना काम करती है। इसमें स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी फॉगिंग, सेनिटाइजेशन के अलावा चालान काटने की ाी होती है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की जिम्मेदारी निर्माण स्थलों की जांच करना व ग्रामीण क्षेत्रों में लारवा जनित क्षेत्रों की पहचान करने के बाद छिड़काव सुनिश्चित करना है। परिवहन विभाग को कंडम हो चुके टायरों का सही डिस्पोजल करना जबकि जलापूॢत विभाग को स्वच्छ पेयजल और कचरे की निकासी सुनिश्चत करना है। वहीं, आई.एम.ए. की जि मेदारी निजी अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों की सही जानकारी विभाग को प्रदान करना है।
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