खत्म हुई छूट! रजिस्ट्री करवाने में लोगों को आ रही मुश्किलें

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 10:35 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): श्राद्ध के उपरांत नवरात्रों की शुरुआत के साथ ही जिला प्रशासनिक काम्पलैक्स में स्थित सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में कामकाज की रफ्तार लौट आई है। कई दिनों की सुस्ती के बाद अब रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी संबंधी दस्तावेजों की मंजूरी के लिए बड़ी संख्या में लोग कार्यालयों का रुख कर रहे हैं। हालांकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा एन.ओ.सी. के बिना रजिस्ट्री पर रोक और पंजाब सरकार द्वारा पूर्व में दी गई छूट की अवधि समाप्त होने के कारण अभी अडिंगा बना हुआ है और कार्यालयों की कार्यप्रणाली पूरी तरह सुचारू नहीं हो पाई है।

पिछले 2 सप्ताह श्राद्ध पक्ष के चलते रजिस्ट्री का काम लगभग ठप रहा। लोग धार्मिक मान्यताओं के कारण श्राद्धों में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त या नए काम से बचते हैं। अब नवरात्रों की शुरुआत के साथ ही लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। गत दिन से सब-रजिस्ट्रार जालंधर-1 और जालंधर-2 कार्यालयों में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ देखने को मिली। सब-रजिस्ट्रार-1 कार्यालय में आज 95 लोगों ने ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ली जिनमें से 93 दस्तावेजों को मंजूरी दी गई। जबकि सब-रजिस्ट्रार-2 कार्यालय में 55 दस्तावेजों को अप्रूवल मिली। जबकि श्राद्धों के दौरान यह आंकड़ा क्रमशः 60 और 40 तक ही सीमित रह गया था। इससे स्पष्ट है कि धार्मिक उत्सवों ने कामकाज की रफ्तार को नई ऊर्जा दी है।

वहीं माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से पहले संबंधित विभागों से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रॉपर्टी विवाद-मुक्त और सरकारी नियमों के अनुरूप हो। हालांकि, इस प्रक्रिया में समय अधिक लगने के कारण खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार एन.ओ.सी. में तकनीकी अड़चन आ जाती हैं, जिससे लेन-देन रुक जाता है। वहीं पंजाब सरकार ने 31 अगस्त तक पुराने सौदों की रजिस्ट्री करने के लिए अस्थायी छूट दी थी, लेकिन वह अवधि बीत जाने के बाद अब कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है। नतीजतन, सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों का काम आंशिक रूप से प्रभावित बना हुआ है।

सब-रजिस्ट्रार-2 जगतार सिंह और सब-रजिस्ट्रार-1 दमनवीर सिंह ने कहा कि नवरात्रों की वजह से कार्यालयों में रौनक लौट आई है। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश और एनओसी की अनिवार्यता के चलते अभी भी कई रजिस्ट्री अटकी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पुराने शहरी के लाल लकीर में आती प्रॉपर्टियों और जिन प्रॉपर्टियों को 1995 से पहले की रजिस्ट्री दस्तावेज मौजूद है, उन प्रॉपर्टियों के लिए एनओसी की अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार एन.ओ.सी. संबंध में नई गाइडलाइन जारी कर दे तो प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी।

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News Editor

Kalash

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