पंजाब की इस जेल में कैदियों का आज होगा Dope Test

punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2022 - 02:49 PM (IST)

अमृतसर(संजीव): पंजाब की जेलों को पूरी तरह से नशा मुक्त करने के लिए पंजाब सरकार पूरे एक्शन में आ चुकी है। डोप टेस्ट के जरिए उन कैदियों की पहचान की जा रही है जो जिलों में रहने के बावजूद नशे के आदी हैं। बेशक डोप टेस्ट को मेडिकल जांच का नाम दिया जा रहा है मगर इसके पीछे का मकसद जेलों में बंद कैदियों की पहचान करना है जोक अपनी सजा के दौरान भी इस लत को छोड़ नहीं पाए हैं।

जेल में बंद कैदियों से लगातार नशीले पदार्थों व मोबाइल फोन की रिकवरी ने सुरक्षा के बंदोबस्त को सवालों के कटहरे में खड़ा कर रखा है बावजूद इसके हर बार जेल प्रशासन इससे अपना पल्ला झाड़ लेता है और इस बात की जिम्मेदारी कैदियों के कंधों पर डाल उन काली भेड़ों का सरंक्षण करता है जो इस सामान को जिलों में बैठे कैदियों तक पहुंचा रहे हैं। आज अमृतसर की जेल में बेशक मेडिकल कैंप का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी कैदियों की जांच अनिवार्य है 2 दिन तक चलने वाले इस मेडिकल जांच कैंप के पीछे का मकसद उन कैदियों की पहचान करना है जो नशे के आदी हैं। जांच के बाद आने वाली रिपोर्ट यह साबित करेगी की जेल परिसर में रहते हुए वह कैदी नशे के आदी किस तरह हो गए।


कुछ सुलगते सवाल
क्या लगातार इन कैदियों को जेलों में नशा मुहैया हो रहा है ?
क्या उन कैदियों को नशे की लत जेल में लगी है ?
क्या जेल से होने वाले नशे की रिकवरी और ठीक से जांच नहीं होती ?
क्या जेलो में नशा सप्लाई करने वालों की अधिकारियों के साथ मिलीभगत है ?

यह कुछ ऐसे सुलगते सवाल हैं जिन पर जेल प्रशासन को ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है। कई बार लोकल पुलिस भी इस बात का खुलासा कर चुकी है कि जेलों में कैदियों तक नशा पहुंच रहा है बावजूद इसके कोई ठोस कदम ना उठाए जाने के कारण यह सिलसिला उसी तरह जारी है।

डोप टेस्ट के बाद नशा करने वाले कैदियों का होगा इलाज
अमृतसर की जेल में कैदियों के होने वाले डोप टेस्ट के बाद सरकार उनका इलाज करवाएगी जो नशे के आदी हैं। जिससे एक तो जेल प्रशासन पर नशा ना रोकने के लग रहे आरोप बंद होंगे वही इस बात का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा कि नशा मुक्ति के बाद क्या जेलों में नए नशा करने वाले कैदी की संख्या सामने आई है।

गोपनीय रखी जाएगी पहचान
 जेल में मेडिकल जांच के नाम पर होने वाले डोप टेस्ट मैं सामने आने वाले कैदियों की पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। बेशक सरकार नशे के आदि कैदियों का इलाज करवाएगी मगर पॉजिटिव आने वाले कैदियों की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा

जिलों को सुधार घर बनाने का प्रयास
कुख्यात अपराधियों के लिए आरामगाह व उनके कारोबार का ठिकाना बन चुकी जिलों को एक बार फिर पंजाब सरकार सुधार घर बनाने का प्रयास करने जा रही है। अक्सर जेल प्रशासन पर कैदियों तक अवैध सामान पहुंचाने के आरोप लगते रहे हैं मगर अब पंजाब सरकार एक ठोस रणनीति के तहत जेलों को सुधारने का बीड़ा उठा रही है। अब देखना है कि कहां तक पंजाब सरकार के यह प्रयास सफल हो पाते हैं या फिर पिछली सरकारों द्वारा किए जाने वाले दावों की तरह दम तोड़ देते हैं।
 


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Content Writer

Vatika

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