नई "मुसीबत" में पूर्व CM चन्नी! जानें क्या है माजरा

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2023 - 08:10 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नई मुसीबत में घिर गए है। दरअसल, पूर्व मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति समुदाय के 4 पूर्व सैनिकों और 2 अन्य को पंजाब पुलिस में शामिल करने के नाम पर 45 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जिम्मेदार हैं। 

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चंडीगढ़ में पूर्व सैनिकों की उपस्थिति में बातचीत करते हुए मजीठिया ने कहा कि चन्नी के एक विश्वासपात्र दलजीत सिंह ने 4 पूर्व सैनिकों से संपर्क कर वायदा किया था कि उन्हें पंजाब पुलिस में सब-इंस्पैक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दलजीत को अलग-अलग रकम देने वाले 2 अन्य लोगों को भी पंजाब पुलिस में नौकरी दिलाने का वायदा किया गया था। पूर्व सैनिकों में से एक गुरदियाल सिंह ने कहा कि वे पंजाब पुलिस में सब-इंस्पैक्टर के रूप में भर्ती होने के अनुरोध के साथ दलजीत के साथ चन्नी से मिले थे। जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री से इसे पूरा करने के लिए आवश्यक ‘सेवा पानी’ के बारे में पूछा तो चन्नी ने उन्हें बताया कि दलजीत उन्हें हर चीज के बारे में बताएंगे। गुरमेल ने कहा कि इसके बाद उन्होंने 17 लाख रुपए का भुगतान किया, जबकि पूर्व सैनिक जगदीश सिंह ने 6 लाख रुपए और पूर्व सैनिक दर्शन सिंह और धर्मेंद्र सिंह ने 5-5 लाख रुपए का भुगतान किया।

उन्होंने कहा कि 2 अन्य लोगों नवदीप सिंह और बचितर सिंह ने क्रमश: 5 लाख और 3.70 लाख रुपए का भुगतान किया था। उन्होंने वीडियोग्राफी सबूत के साथ खुलासा किया कि कैसे चन्नी के एक करीबी-रॉबिन ने उनसे व्यक्तिगत रूप से पैसे वसूले थे। इस बारे में गुरमेल सिंह ने कहा, ‘मैं चन्नी से अप्रैल 2021 और नवम्बर 2021 में मिला था और चन्नी ने पूर्व सैनिकों को डी.जी.पी. कार्यालय से पत्र भी जारी करवाया ताकि वह डी.जी.पी. से मिल सकें’। उन्होंने कहा कि जब आगे कुछ नहीं हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने अमृतसर पुलिस से संपर्क किया लेकिन उसने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया। गुरदयाल ने कहा, ‘जब बी.के.यू. उगराहां समूह ने हमारे समर्थन में धरना दिया आखिरकार तब दलजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन अब भी पूर्व मुख्यमंत्री का नाम एफ.आई.आर. में शामिल नहीं किया गया है’। मजीठिया ने कहा कि गुरदयाल और उनके सहयोगियों को ‘आप’ सरकार द्वारा न्याय से वंचित किया जा रहा है, क्योंकि चन्नी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अपने संबंधों को सुधार लिया है। अगर सरकार ने चन्नी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो अकाली दल इस मामले में कानूनी सहारा लेने के अलावा राज्यपाल से संपर्क करेगा।


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Vatika

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