मुफ्त बस सेवा सहूलियत से सरकारी खजाना बर्बादी की ओर

punjabkesari.in Wednesday, Jul 06, 2022 - 03:48 PM (IST)

मोगा (गोपी राउके): पंजाब में मुफ्तखोरी का रूझान पंजाब की आर्थिकता को अस्थिर कर रहा है। पहले ही आर्थिक तंगी करके  खाने का चलन पंजाब की अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर रहा है। मुफ्त की भलाई स्कीमें चालू रखने के चलते दिनों-दिन कर्जे के बोझ तले दबता जा रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के लिए सरकार और पी.आर.टी.सी. बसों में मुफ्त बस सेवा  की शुरुआत की थी। बसों में मुफ्त बस सेवा के प्रावधान ने सरकारी खजाने का पूरी तरह से सफाया कर दिया है। हालांकि कुछ दिन पहले आप सरकार के कुछ मंत्रियों ने मुफ्त योजनाओं को रोकने की कोशिश की थी, परंतु लोगों में रोष के कारण वापिस महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा बंद करने से पंजाब सरकार ने पैर पीछे खींच लिए थे।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मोगा निवासी विशेष खेड़ा द्वारा दी गई जानकारी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन दफ्तर पटियाला द्वारा आर.टी. एक्टिविस को दी गई। जानकारी से पता चला कि महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त बस सेवा से 303 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए पी.आर.टी.सी. के बने हैं। पी.आर.टी.सी. पर महिलाओं के लिए 303 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए जबकि रोडवेज बसों द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा पर करोड़ों रुपए अलग से खर्च हुए हैं। कांग्रेस सरकार द्वारा मुफ्त बस सेवा शुरू करने से लेकर 24 जून, 2022 तक मुहैया करवाई जानकारी अनुसार 132 करोड़ रुपए की राशि अभी भी सरकार की ओर बकाया खड़ी है जबिक सरकार द्वारा 171 करोड़ रुपे अब तक पी.आर.टी.सी. को जमा करवाए गए हैं। 

आर.टी.आई. एक्टिविस का कहना था कि सरकारी खजाने का सीधे तौर पर मुफ्तखोरी जरिए लूट करवाई जा रही है जबकि लोगों को सस्ती सहूलियतें मुहैया करवाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह करोड़ों रुपए की बर्बादी जारी रही तो पंजाब की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो जाएगी।  

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News Editor

Urmila

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