पंजाब की जेलें अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार, 70 के करीब गैंगों के इतने मैंबर सरगर्म

punjabkesari.in Tuesday, Feb 28, 2023 - 10:49 AM (IST)

लुधियाना (स्याल): देश के कानून में अपराधियों को समाज की मुख्य धारा में वापिस लाने के लिए सजा का प्रावधान है ताकि अपराधी जेल के अंदर अपने गुनाह का पछतावा कर सकें और सुधर के जेल से बाहर आने के बाद समाज का महत्वपूर्ण अंग बन सकें। इसके बावजूद मौजूदा हालात इसके बिल्कुल विपरीत हैं। जेल के अंदर बैठे हुए विभिन्न गैंगों के हैड अपने कारिंदों द्वारा मनचाहा काम करवाने के योग्य हैं, इसका सबूत हम समय-समय पर गैंगवार के रूप में देख चुके हैं। संक्षेप में पंजाब की जेलें अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बनती जा रही हैं लेकिन सरकारें बेबस, लाचार और असहाय नजर आती हैं।

पंजाब में एक अंदाजे के मुताबिक छोटे और बड़े सरगर्म गैंगों की गिनती 70 के आसपास है और इनके मैंबरों की गिनती 500 के करीब है, जिनमें से आधे से ज्यादा पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। अपनी गतिविधियों के कारण 8 से 10 व्यक्ति ज्यादा सरगर्म हैं और डर का कारण बन चुके हैं। मुख्य इस तरह हैं - लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, गौंडर और ब्रदर्स, दविंदर बंबीहा, सुक्खा काहलवां, जसपाल भुल्लर, रॉकी और बचित्तर मल्ली। अन्य उपरोक्त गैंगों में से कुछ गैंगों के मुखिया जेलों के अंदर होने, कुछ के कत्ल होने के बावजूद सरकार साधन सम्पन्न होने के बावजूद इनकी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने में असफल साबित हो रही है। ऐसे हालातों में सरकार गैंगस्टर को कंट्रोल करने में कब सफल होगी?

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Content Writer

Sunita sarangal

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