प्रधानमंत्री की ‘वीर बाल दिवस’ घोषणा पर हरजिंदर सिंह धामी ने दी प्रतिक्रिया
punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 10:54 AM (IST)

अमृतसर (दीपक): सरबंसदानी 10वें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 10वें पातशाह के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के शहीदी दिवस को समर्पित 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ घोषित करने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्द्र सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की भावनाओं की हम कद्र करते हैं परन्तु छोटे साहिबजादों की शहीदी को ‘बाल’ संज्ञा से जोड़कर बाल दिवस तक सीमित रखना शहीदों की भावना और सिख रिवायतों के अनुकूल नहीं है।
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उन्होंने कहा कि सिख इतिहास, सिद्धांतों और परंपराओं के मद्देनजर साहिबजादों की अतुलनीय कुर्बानियां बड़े योद्धाओं जैसी हैं। सिख इतिहास में गुरु साहिब के साहिबजादों को संबोधन के समय ‘बाबा’ शब्द से सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सिख संसार में किसी भी विचार को राष्ट्रीय मान्यता देने के लिए कसौटी सिख इतिहास, गुरबाणी, सिख सिद्धांत और मान्यता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से छोटे साहिबजादों के शहीदी दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मान्यता के संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब से अपील करते हैं कि वह इस पर राय दे।
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उन्होंने कहा कि पंथक रिवायतों, मान्यता तथा सिख सरोकार बहुत विलक्षण और अतुलनीय होने के कारण इनसे संबंधित किसी भी मामले पर श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश लेकर ही कोई निर्णय करना चाहिए। प्रकाशोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा गुरु साहिब को सम्मान भेंट करना और उनकी घोषणा सम्मान की भावना में से उपजी तो हो सकती है परन्तु पंथ द्वारा मान्य नहीं समझी जा सकती।
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