हरसिमरत ने की केंद्रीय सेल्स टैक्स गुरुद्वारों को रिफंड करने के लिए NDA सरकार की सराहना

punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2019 - 06:02 PM (IST)

चंडीगढ़ (भुल्लर): केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आजादी के बाद पहली बार केंद्रीय जी.एस.टी. हिस्से के रूप में केंद्रीय सेल्स टैक्स गुरुद्वारों को रिफंड करने के लिए केंद्र की एन.डी.ए. सरकार की प्रशंसा की है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब की कांग्रेस सरकार को वायदे के अुनसार जी.एस.टी. में से राज्य का हिस्सा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को रिफंड करने के लिए कहा है।
PunjabKesari
यहां एक प्रैस बयान जारी करते हुए हरसिमरत बादल ने कहा कि पिछले 70 साल से लंगर तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाली रसद पर केंद्रीय सेल्स टैक्स लिया जाता था। उन्होंने कहा कि चाहे पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने श्री दरबार साहिब, तख्त श्री दमदमा साहिब तथा श्री आनंदपुर साहिब को राज्य द्वारा लगाए गए वैट से छूट दी थी, पर इन गुरुधामों तथा बाकी सभी गुरुद्वारों को लंगर की रसद पर सेल्स टैक्स देना पड़ता था। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने कहा कि यह सिर्फ अब हुआ है कि लंगर  की रसद पर केंद्रीय सेल्स टैक्स हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सेल्स टैक्स को केंद्रीय जी.एस.टी. में मिला दिया था। एन.डी.ए. सरकार ने सेवा भोज योजना के द्वारा यह राशि देश के सभी गुरुद्वारों को वापस करके लंगर रसद से यह टैक्स पूरी तरह समाप्त कर दिया है।
PunjabKesari
राज्य के जी.एस.टी., जिसे कांग्रेस सरकार ने सिर्फ श्री दरबार साहिब के लिए एस.जी.पी.सी. को रिफंड करने का वादा किया था, के बारे में बताते हुए हरसिमरत बादल ने कहा कि यह राशि अभी तक रिफंड नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि एस.जी.पी.सी. द्वारा दी जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने अगस्त 2018 से मार्च 2018 तक राज्य का जी.एस.टी. रिफंड करने का दावा स्वीकार कर लिया था। एस.जी.पी.सी. इसके बाद की अवधि का भी रिफंड लेने की हकदार है तथा जल्द ही इसके द्वारा राज्य सरकार से यह रिफंड मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को जी.एस.टी. में से राज्य का हिस्सा श्री दरबार साहिब को वापस देने में देरी नहीं करनी चाहिए। हरसिमरत ने कांग्रेस सरकार से कहा कि वह केंद्र सरकार के पैटर्न पर पंजाब के सभी गुरुद्वारों पर लगाया जाता स्टेट जी.एस.टी. रिफंड करे बजाए इसके कि यह रियायत सिर्फ श्री दरबार साहिब को दी जाए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News