लिव इन रिलेशनशिप को लेकर HC का अहम फैसला, 'हर बालिग का संवैधानिक अधिकार'

punjabkesari.in Friday, May 21, 2021 - 11:22 AM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि समाज को ध्यान में रखकर व्यक्ति को उसके संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। चाहे वह अधिकार जीवन साथी चुनने का हो या अपनी पसंद के साथी के साथ जीवन बिताने का। इसके लिए जरूरी नहीं कि विवाह बंधन में बांधा जाए। बालिग लड़का या लड़की अपनी मर्जी से पसंद के साथी के साथ जीवन निर्वाह कर सकता है चाहे वह लिव इन रिलेशन ही क्यों न हो। 

प्रतिवादी पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता देवेंद्र आर्य का कहना था कि लिव इन रिलेशनशिप में रहना गैर-कानूनी है जिसे समाज भी स्वीकार नहीं करता। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि कानून समाज से ऊपर है इसलिए युवा जोड़े को उनके अधिकारों से वंचित न करते हुए पुलिस प्रोटैक्शन दे और सुनिश्चित करे कि दोनों को कोई नुक्सान न पहुंचाया जाए और न ही जबरन अलग किया जाए। प्रदीप नामक युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि अपनी पसंद की लड़की के साथ रहना चाहता है जो उसे भी मंजूर है, लेकिन उसके परिजन उन्हें धमकियों के साथ-साथ जान से मारने की बात कह रहे हैं।

प्रदीप ने पुलिस से भी प्रोटैक्शन मांगी थी पर नहीं मिली जिसके बाद हाईकोर्ट की शरण में आया है। जस्टिस सुधीर मित्तल ने आदेशों में कहा कि लिव इन रिलेशनशिप बेशक पश्चिमी देशों में प्रचलित है, लेकिन भारत में भी बड़े शहरों में लिव इन रिलेशन को समाज ने स्वीकार कर लिया है। यह चलन अब छोटे शहरों और कस्बों में भी स्वीकार्य होने लगा है, क्योंकि दोनों बालिग हैं इसलिए समाज को मद्देनजर रखकर निर्णय नहीं लिया जा सकता। 


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Vatika

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