Jalandhar में हाई अलर्ट... आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भी इन इलाको में मंडरा रहा खतरा !

punjabkesari.in Friday, Oct 10, 2025 - 01:54 PM (IST)

जालंधर (कशिश): जालंधर में बीते दिनों ISI और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े 2 आतंकियों की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से शहर की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। काउंटर इंटेलिजेंस की इस बड़ी कामयाबी के बाद जहां पंजाब पुलिस ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है, वहीं जमीनी स्तर पर शहर में सुरक्षा इंतजाम अब तक उसी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं।

खुलासा तो बड़ा, पर सुरक्षा का सिस्टम कमजोर

पुलिस ने दावा किया कि गिरफ्तार आतंकी गुरजिंदर सिंह और दीवान सिंह 2.5 किलो RDX और रिमोट कंट्रोल के साथ किसी बड़े ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे। हालांकि इनकी गिरफ्तारी ने शहर को राहत दी, लेकिन सवाल यह है कि क्या आने वाले समय में जालंधर खुद को ऐसे नेटवर्क से सुरक्षित रख पाएगा? शहर में न तो किसी बाजार में अतिरिक्त नाकाबंदी दिखी और न ही सेंसिटिव इलाकों में पैट्रोलिंग बढ़ाई गई है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल्स और धार्मिक स्थलों के आसपास सुरक्षा जांच की स्थिति पहले जैसी ही है।

काउंटर इंटेलिजेंस की मेहनत, बाकी एजेंसियों की खामोशी

सूत्रों के अनुसार, काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दोनों आतंकियों को गिरफ्तार किया। लेकिन स्थानीय थानों, बीट पुलिस और ट्रैफिक यूनिट को इस मॉड्यूल की गतिविधियों के बारे में कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया। पुलिस के पास अभी तक कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है कि शहर के संवेदनशील स्थानों पर कौन से सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाएं।

शहर के हॉटस्पॉट इलाके, जहां बना रहता है खतरा 

जालंधर के कई इलाकों जैसे लाजपत नगर, बस स्टैंड, रामा मंडी, रेलवे स्टेशन और बस्ती बावा खेल को पहले भी हाई रिस्क जोन माना जाता रहा है। इन इलाकों में बड़ी आबादी और आवाजाही के कारण आतंकी तत्वों के छिपने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में CCTV नेटवर्क, एंटी-सबोटाज टीम और क्विक रिस्पॉन्स फोर्स की मौजूदगी बेहद जरूरी है, जो फिलहाल नहीं दिख रही।

सुरक्षा विशेषज्ञों की राय

पूर्व पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जालंधर जैसे शहरों में आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए कुछ तत्काल कदम उठाने जरूरी हैं —

  • संवेदनशील इलाकों में हाई-टेक सीसीटीवी सर्विलांस नेटवर्क दोबारा एक्टिव किया जाए।
  • रैंडम चेकिंग और नाकाबंदी हर रोज़ अलग-अलग इलाकों में की जाए ताकि असामाजिक तत्वों को मौका न मिले।
  • धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों में एंट्री प्वाइंट पर मेटल डिटेक्टर और सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी अनिवार्य की जाए।
  • इंटेलिजेंस साझा प्रणाली (इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन) को मज़बूत किया जाए ताकि कोई भी इनपुट मिस न हो।
  • जन जागरूकता अभियान चलाया जाए कि अगर किसी को संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचना दे।

लोगों में दहशत

शहर के कई नागरिकों का कहना है कि काउंटर इंटेलिजेंस की कार्रवाई से राहत तो मिली है, पर डर अब भी बना हुआ है। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा, “अगर 2.5 किलो RDX शहर में पहुंच गया था, तो इसका मतलब है कि नेटवर्क पहले से सक्रिय है।”  वहीं कुछ लोगों ने पुलिस से अपील की है कि दिवाली और त्योहारों के सीजन में भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा लगाई जाए।

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News Editor

Kamini

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