पाकिस्तान में Business करने गए इस शख्स ने सुनाई दर्दभरी दास्तां, कहा- देते थे थर्ड डिग्री टॉर्चर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2020 - 10:07 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): पाकिस्तान की जेलों में भारतीय कैदियों पर कितने अत्याचार किए जाते हैं। इस पर सर्बजीत की मौत व उस पर लिखी फिल्म एक बड़ा सबूत है। सोमवार को भी पाकिस्तान से रिहा होकर आए कैदियों ने अपना दुखड़ा सुनाया और बताया कि कैसे कानपुर निवासी शमसुदीन पाकिस्तान में कारोबार करने के लिए गया था और वहां का नागरिक भी बन गया लेकिन पाकिस्तान ने उस पर जासूसी का टैग लगा दिया और जेल में डाल दिया। शमसुदीन उर्फ आलम ने बताया कि वह वर्ष 2005 में पाकिस्तान गया था और वहां पर आर्टिफिशल ज्वैलरी का काम करने लगा उसका परिवार भी पाकिस्तान आ गया, लेकिन 2006 में वापस भारत लौट आए और 2007 में दोबारा पाकिस्तान गया इस दौरान उसकी बीवी शाकरा बेगम व बच्चियां उज्मा आलम और अजरा आलम भारत में ही रह गए। पाकिस्तान में उसने संपत्ति भी बनाई, लेकिन बाद में किसी ने उसकी शिकायत कर दी, जिसके बाद पाकिस्तानी एजैंसी ने उसको जेल में डाल दिया और दस वर्ष की सजा काटने के बाद भारत वापस लौटा है।     

पाकिस्तानी जेल प्रबंधकों के अत्याचार से अभी भी सहमे हुए हैं बिरजू व घनशाम
पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर आए बिरजू व घनशाम अभी भी पाकिस्तानी जेल प्रबंधकों के अत्याचार से सहमे हुए हैं और कुछ बोलने सुनने की हालत में नहीं हैं। इन लोगों को भारत आने के बाद भी अपने घर का अता पता नहीं है केवल सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से इनके घर परिवार वालों के पते की पुष्टि होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने इनको रिहा कर दिया है। मुख्य रुप से में पाकिस्तानी जेलों में जाने वाले हिन्दू कैदियों के साथ बहुत बुरा वर्ताव किया जाता है और थर्ड डिग्री का जमकर प्रयोग किया जाता है, जिससे ज्यादातर कैदी पागल हो जाते हैं और मानसिक संतुलन खो बैठते हैं।


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