अधिकारियों की नालायकी, शहर भर में धड़ल्ले से पनप रहा बाल मजदूरी का कोहड़
punjabkesari.in Monday, Jul 31, 2023 - 02:43 PM (IST)

लुधियाना : शहर के अधिकतर इलाकों में बाल मजदूरी का कोहड़ धड़ल्ले से पनप रहा है जिसमें औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों, सहित प्रमुख बाजारों के दुकानदारों द्वारा मासूम बच्चों को बाल मजदूरी की दलदल में धकेल कर खुलेआम उनके उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है सीधे लफ्जों में कहा जाए तो अधिकारियों की नालायकी के कारण मासूम बचपन बाल मजदूरी पर भारी बोझ के तले दबता जा रहा है।
ताजा मामले की बात की जाए तो बस्ती जोधेवाल, गिल रोड़, माडल टाऊन, चीमा चौक, शिवपुरी और शहर के अन्य भीतरी इलाकों में दुकानदारों द्वारा मासूम बच्चों से बाल मजदूरी करवाते हुए बच्चों के आने वाले कल को अनपढ़ता, गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी और महंगाई की भट्ठी में झोंकने की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। जिसमें अधिकतर दुकानदारों द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को कम वेतन देकर 12 से 14 घंटे तक सख्त मेहनत मजदूरी करवाई जाती है, इस सारे एपिसोड में चौंकाने वाली सच्चाई यह है कि जिला बाल सुरक्षा अधिकारी एवं बाल मजदूरी विरोधी जिला टास्क फोर्स की लंबी चौड़ी फौज शहर भर में धड़ल्ले से हो रही बाल मजदूरी को खुली आंखों से देखने के बाद भी अपनी कुभकर्णी नींद त्यागने को तैयार नहीं है। जिसे देखते हुए इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि अधिकारियों की इस नलायकी का खामियाजा उक्त मासूम बच्चों के परिवारों और उनकी आने वाली नस्लों को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि बच्चों के माथे पर लगा अनपढ़ता का ग्रहण उनको अपने ही अधिकारों से वंचित कर देगा जो कि हमारे सभ्य समाज और देश के लिए बड़ी चुनौती भी बनता जा रहा है।
काबिले गौर है कि गत दिनों पंजाब के द्वारा प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए गए समाचार "लुधियानवी मासूम बच्चों से धड़ल्ले से करवा रही बाल मजदूरी " में जिक्र किया गया है कि जिला टास्क फोर्स टीम के अधिकारी केवल बाल मजदूरी का खात्मा करने के खोखले दावे करने तक ही सीमित है। यहां बताना अनिवार्य होगा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मासूम बच्चों को शिक्षा जैसे बहुमूल्य ज्ञान के साथ जोड़ने के लिए फ्री शिक्षा मुहैया करवाने सहित अन्य कई योजनाएं शुरू की गई है जिसमें गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को स्कूलों में निशुल्क पढ़ाई करवाने सहित फ्री कापियां-किताबे, यूनिफॉर्म, बूट यहां तक की समय-समय पर आर्थिक मदद करने तक की योजनाओं को शामिल किया गया है। जिसमें सरकार द्वारा जिला प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी फिक्स की गई है कि वह गरीब और परिवारों के बच्चों को शिक्षा जैसे बहुमूल्य ध्यान संबंधित जागरूक कर उन्हें स्कूलों में दाखिल करवाएं इस सारे मामले में अधिकारियों की परफॉर्मेंस नामात्र दिखाई दे रही है।
छापेमारी के लिए गठित की गई टीमें : ए.एल.सी
नवनियुक्त असिस्टेंट लेबर कमिश्नर सरबजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया है कि उनके द्वारा विभागीय कर्मचारियों की टीमें गठित कर संदिग्ध स्थानों पर छापेमारिया करने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं । सिद्धू ने साफ किया है कि शहर के किसी भी इलाके में बाल मजदूरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा आरोपी पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ न केवल विभागीय कार्रवाई की जाएगी बल्कि उसके खिलाफ एफ.आई. आर. भी दर्ज करवाई जाएगी।
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