Punjab : नई तकनीक से पराली जलाने पर लगेगी रोक, प्रशासन उठाने जा रहा बड़ा कदम
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 06:42 PM (IST)

गुरदासपुर (हरमन): ज़िले को ‘धान की पराली जलाने से मुक्त’ बनाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार के निर्देशानुसार ज़िला प्रशासन गुरदासपुर द्वारा प्रयास पहले ही शुरू कर दिए गए हैं। डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह की अगुवाई में कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को आगामी हफ्तों में धान की पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनरी सब्सिडी पर देने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि किसान समय रहते इन मशीनों की खरीद कर सकें। इसके साथ ही विभाग द्वारा खरीदी गई मशीनरी का भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है और सत्यापन के बाद सब्सिडी की राशि लाभार्थियों के खातों में जमा की जाएगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह ने कहा कि धान की पराली को जलाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है, वहीं मिट्टी की सेहत भी खराब होती है, जिससे फसल की उपज पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पराली और खेत में बचे अवशेषों को जलाना बेहद हानिकारक है क्योंकि इससे मिट्टी की उर्वरता घटती है और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचता है।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पराली को मिट्टी में समाहित करके गेहूं की बुआई करने से पैदावार बढ़ती है और खेती की लागत भी घटती है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने की बजाय नवीनतम तकनीकों द्वारा इन-सीटू (In-situ) प्रबंधन के प्रभावी तरीके अपनाने चाहिएं। इस संबंध में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा किसानों और किसान समूहों को सीआरएम और एसएमएएम योजनाओं के तहत हैपी सीडर, सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, बेलर, रेक, मल्चर, पैडी चॉपर श्रेडर, आरएमबी प्लाऊ हल सहित कई मशीनें सब्सिडी पर प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत किसान 50% सब्सिडी के पात्र हैं जबकि किसान समूह, सहकारी सभाएं और पंचायतें 80% सब्सिडी प्राप्त कर सकती हैं। अब तक पराली प्रबंधन के लिए 646 मशीनों को मंज़ूरी दी जा चुकी है और किसानों द्वारा 182 मशीनें खरीदी जा चुकी हैं, इसके अतिरिक्त 6 मशीनों का भौतिक सत्यापन भी किया जा चुका है।