दिल्ली धरने में पहुंचे गुरदास मान का विरोध, स्टेज पर नहीं दी Entry

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2020 - 03:48 PM (IST)

जालंधर: कृषि बिलों को लेकर किसान जत्थेबंदियों को बड़े स्तर पर पंजाबी कलाकारों की तरफ से समर्थन मिल रहा है। वहीं पंजाबी गायक गुरदास मान आज दिल्ली में किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे , जहां कुछ लोगों ने उनका विरोध किया और कुछ ने उनका पक्ष भी लिया। इस मौके पर उनका बेटा गुरिक मान भी शामिल था। 

बता दें कि गुरदास मान भी एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। हालांकि गुरदास मान ने 2-3 महीनों से किसानों के साथ जुड़ी कोई बात नहीं कही लेकिन अब उनका चुप-चाप ही दिल्ली धरने में पहुंचना कईयों को अच्छा लगा तो कईयों ने इसका विरोध किया। धरने में मौजूद लोगों का कहना है कि हमें हर किसी की ज़रूरत है, हमें ऐसीं हस्तियों की जरूरत है, जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। वहीं कुछ किसान जत्थेबंदियों की तरफ से गुरदास मान को स्टेज पर बोलने का मौका दिया गया लेकिन जब वह स्टेज की तरफ जाने लगे तो लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद उन्हें स्टेज पर आने से रोक दिया गया। लोगों के विरोध का सामना करते हुए मान को वापिस लौटना पड़ा।


विरोध में लोगों ने कहीं यह बातें
कुछ किसानों का कहना है कि हम गुरदास मान को कभी भी माफ नहीं कर सकते। न ही उन्होंने राष्ट्र भाषा को लेकर दिए विवादित बयान पर माफी मांगी है। हम गुरदास मान की तरफ से राष्ट्र भाषा के किए अपमान को कभी नहीं भूल सकते। लोगों ने यह भी कहा कि यदि आज कंगना रनौत भी किसान आंदोलन में आ जाए तो हम उसे भी माफ नहीं करेंगे। उसने हमारे किसान भाइयों को बहुत गलत  बोला है, जिसे हम बर्दाशत नहीं कर सकते।

भाषा को लेकर हुआ था बड़ा विवाद 
गुरदास मान ने कहा कि एक इंटरव्यू दौरान मेरे से राष्ट्र भाषा के साथ जुड़ा एक सवाल पूछा था, जिसका जवाब मैंने सहज में देते कहा 'एक देश की एक भाषा तो होनी ही चाहिए जिससे उस देश का हर व्यक्ति आसानी से अपने दिल की बात बेफिक्री के साथ सांझी कर सके, किसी को समझा सके और ख़ुद भी समझ सके। इसी को राष्ट्र भाषा कहते हैं। 


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