Punjab : आई.पी.एल. सीरीज का आगाज 22 मार्च से, सभी शहरों के बुकी हो रहे सक्रिय

punjabkesari.in Thursday, Feb 29, 2024 - 04:40 PM (IST)

जालंधर (कशिश): वैसे तो क्रिकेट पूरी दुनिया की पहली पसंद है, लेकिन टी-20 मैचों के कारण लोगों में इसका ज्यादा क्रेज है। देश-विदेशों में चल रही सीरिजों में भारत में होने वाली आई.पी.एल. सबसे बड़ी सीरिज है, जिसका इंतजार पूरी दुनिया के मैच बुक्कियों को रहता है। भारत में आई.पी.एल. सीरीज का आगाज 22 मार्च से होने जा रहा है और इसके साथ ही आई.पी.एल. को लेकर बुक्कियों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बात पंजाब के बुक्कियों की करें तो पंजाब में आई.पी.एल. का क्रेज बुक्कियों में इस कदर होता है कि ये माफिया पूरे साल में सिर्फ इस सीरिज का इंतजार करता है।

पुलिस प्रशासन ने पिछले आई.पी.एल. में पंजाब में कई बुक्कियों के ठिकानों पर रेड करके इनके नैक्सस को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कहीं न कहीं पंजाब में पुलिस प्रशासन का डर इन बुक्कियों की आंखों में दिखना कम होता जा रहा है। इसका एक कारण यह भी है पुलिस प्रशासन की आखों में धूल झोंकने के लिए यह बुक्की आई.पी.एल. से पहले ही अपना सारा सैटअप गोवा, मुम्बई, दुबई में लगा चुके हैं और कुछ मैच बुक्की तो अपना घर बार बेचकर इन बड़े शहरों में जाकर बस चुके हैं। अब यही बुक्की पंटरों को बैटिंग एप्स बांट रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  CM मान का पंजाबियों को बड़ा तोहफा, मंच से विरोधियों को दी बड़ी चुनौती

साफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से तैयार किए गए बैटिंग एप्स
सूत्रों के मुताबिक पंजाब के बुक्कियों ने साफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से अपने खुद के मैच बैटिंग एप तैयार करके अपने पंटरों को दिए रहे हैं, ताकि जो पंटर पुलिस प्रशासन के डर से बुक्कियों से फोन पर बात करने से परहेज करते हैं, वह उससे कारोबार कर सकें।

हैरानी की बात यह है कि इन एप्स में सिर्फ मैच पर पैसे लगाने नहीं, बल्कि हर तरह का जुआ खिलवाया जाता है। बता दें कि हाल ही में लुधियाना के एक लड़के ने इस एप से अपनी लाखों की संपत्ति नष्ट कर दी थी। जांच करने पर पता चला कि जिस एप में यह पैसे लगाकर जुआ खेल रहा था, वह सारा फिक्स था। बुक्कियों की तरफ से इस तरह के बांटे हुए एप्स का पासवर्ड व लॉगइन आई.डी. इन बुक्कियों के मालिक के पास होता है जिसको ये बुक्की अपनी भाषा में मास्टर भी कहते हैं। अगर बुक्कियों को पता लगता है कि पंटर इस एप्स से पैसे जीत रहा है तो उसके साथ धोखा करके उसे हरा दिया जाता है। आगे इन पैसों का लेन-देन हर सोमवार को होता था लेकिन इस बार इन बुक्कियों ने इसका लेन-देन एक दिन का रख दिया है। सूत्रों से पता चला है कि अगर कोई भी पंटर एप्स या फोन के जरिए पैसा जीतता या हारता है तो उसका लेन-देन मैच खत्म होने के बाद बुक्कियों की तरफ से रखे कारिंदों द्वारा की जाता है। पंजाब में इस समय हजारों बुक्की अपना नैक्सस बना कर बैठे हैं। इनके नैक्सस को तोड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाना होगा।

यह भी पढ़ें:  पंजाब भाजपा ने गठित की स्टेट इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी, इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी

सोशल साइट्स पर चल रहा स्कैम
सोशल साइट्स पर भी इन एप्स को डाऊनलोड करने का स्कैम चल रहा है। हर दूसरी-तीसरी वीडियो देखने के बाद इन सोशल साइट्स पर एप्स को डाऊनलोड करने की वीडियो दिखाई जा रही है, ताकि देश का युवा पढ़ने लिखने की बजाय इन एप्स पर सट्टा लगाकर अपनी जिंदगी खराब करे। हैरानी की बात यह है कि साइबर सैल इन एप्स के ऊपर कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा। इन अवैध एप्स का प्रयोग और पैसों का लेन-देन गूगल-पे, पे.टी.एम. या अकाऊंट के जरिए ही होता है, फिर भी क्या इनको पकड़ना मुश्किल है?

जालंधर शहर का व्यक्ति साफ्टवेयर को करता संचालित
सूत्रों के मुताबिक जालंधर में एक व्यक्ति जो बस्तियात क्षेत्र में रहता है जोकि पंजाब के बुकियों के लैपटॉप या कम्प्यूटर में जो सॉफ्टवेयर चलता है, जिसमें सारा हिसाब-किताब बुक्कियों का होता है, उस सॉफ्टवेयर को संचालित करता है। यह शख्स जब से बुक्कियों का कारोबार लैपटॉप या कम्प्यूटर में शुरू हुआ है तब से बुक्कियों के साथ जुड़ा हुआ है। इस व्यक्ति के पास ऐसा सॉफ्टवेयर है, जोकि सट्टे में कितने पैसे लगे हैं या कितने पैसे बुक्की जीत रहा है, उसका ध्यान रखता है। इस व्यक्ति ने प्रति बुक्की 20 हजार रुपए एक साल के लिए फीस रखी है और हरेक साल साफ्टवेयर को अपडेट करवाने के लिए 10 हजार रुपए लेता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Subhash Kapoor

Recommended News

Related News