बाढ़ के बाद पंजाब को एक और झटका! CM भगवंत मान को लगाई गुहार

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 04:16 PM (IST)

माछीवाड़ा साहिब (टक्कर): बाढ़ की आफत और अब फसल पर आई बीमारी के कारण कुदरत के आगे बेबस किसान आज अपनी मेहनत खेतों में जोतने को मजबूर हो गया है। माछीवाड़ा ब्लॉक के कई गांवों में धान की फसल बौना वायरस की चपेट में आने से किसान बेहद निराश हैं। जून की तपती गर्मी में बड़ी मेहनत से धान की बुवाई करने के बाद किसानों को उम्मीद थी कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में इस फसल की कटाई करके वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे और कर्ज की अदायगी धीमी कर सकेंगे, लेकिन इस बौना वायरस के कारण अब किसान ने फसल काटने की बजाय उसे जमीन में जोत दिया है। 

माछीवाड़ा ब्लॉक के गांव बुल्लेवाल के बाद गांव जातीवाल में किसान रणजीत सिंह ने भी बौना वायरस से प्रभावित फसल को काटने की बजाय खेतों में ही बो दिया और बड़ी खुशी के साथ बताया कि पहले उनकी लगभग 4 एकड़ फसल बाढ़ के कारण बह गई थी और अब जो फसल नदी के बाहर थी उसे भी यह बीमारी खा गई है। किसान रणजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने यूनिवर्सिटी और सरकार द्वारा स्वीकृत धान के बीज बोए थे, लेकिन छिड़काव के बावजूद उनकी फसल बौना वायरस के हमले से बच नहीं पाई। माछीवाड़ा ब्लॉक के कई अन्य गांवों में भी इस बौना वायरस के कारण सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है, जिसे किसान या तो बो रहे हैं या उसमें से दाने निकलने का इंतजार कर रहे हैं।

किसानों ने बताया कि उनका प्रति एकड़ 20 हजार रुपए बुवाई का खर्च आया है और अगर अनुबंध के लिए 35 हजार रुपए प्रति एकड़ जोड़ दें तो उन्हें प्रति एकड़ 55 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार धान की फसल से कोई मुनाफा नहीं हुआ, बल्कि उन्हें प्रति एकड़ 55 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक बौना वायरस से प्रभावित किसानों के लिए कोई गिरदावरी या मुआवजे की घोषणा नहीं की है। किसानों ने मांग की कि सरकार इस बीमारी से प्रभावित फसल की विशेष गिरदावरी करवाए और उन्हें बनता मुआवजा दे।

मुआवजे की उठी मांग

अखिल भारतीय किसान सभा के तहसील समराला के अध्यक्ष निक्का सिंह खेड़ा ने बताया कि जिन किसानों ने धान के बीज पी.बी. 131 और 128 की खेती की थी, वे बौना वायरस की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि धान का पौधा बढ़ने और फलने-फूलने की बजाय बौना हो गया है और फल भी छोटा है। इसके अलावा, फल में दाने भी नहीं बन रहे हैं, जिससे इस फसल की पैदावार बहुत कम होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बीमारी से प्रभावित खेतों का विशेष सर्वेक्षण करवाना चाहिए ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kamini

Related News