इराक में फंसी 2 पंजाबी लड़कियों की वतन वापसी, सुनाई दर्द भरी दास्तां..
punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 12:54 PM (IST)

शाहकोट: पिछले 2 महीने से इराक में फंसी 2 पंजाबी लड़कियों को राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से भारत वापस लाया गया। पीड़ित लड़कियों ने निर्मल कुटिया पहुंचकर संत सीचेवाल का शुक्रिया अदा किया और कहा कि अगर भारतीय दूतावास ने हमारी मदद न की होती तो नारकीय जिंदगी से बाहर निकलना नामुमकिन होता। पीड़ित लड़कियों ने अपनी दुखभरी दास्तां सुनाते हुए कहा कि उनके रिश्तेदारों और ट्रैवल एजैंटों ने उन्हें ऐसे सपने दिखाए कि वे इन ठगों के जाल में फंस गईं।
वापस लौटीं जिला कपूरथला निवासी सीमा (कल्पनिक नाम) ने बताया कि उनकी रिश्तेदार मीरा नामक महिला ने उनसे संपर्क किया था। मीरा ने उसे घरेलू काम बताकर ग्रीस भेजने और मोटी तनख्वाह का भी लालच दिया। लेकिन मीरा ने ग्रीस भेजने के बजाय धोखे से इसे इराक भेज दिया और वहां भी एक कंपनी को बेच दिया। उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि जहां उन्हें रखा गया था वह एक कार्यालय था। सीमा ने कहा कि उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उनके पिता को लकवा मार जाने के कारण घर चलाना मुश्किल हो गया। इसलिए उसने मीरा की बात मानकर विदेश जाने का फैसला किया।उसके साथ परती जिला फिरोजपुर की लड़की हेमा (कल्पनिक नाम) ने बताया कि उसे भी मीरा ने फंसाया था। मीरा ने उसे हांगकांग में मोटी सैलरी का भी लालच दिया था। लेकिन उसे इराक भेज दिया गया और वहां बेच दिया गया।
उन्होंने कहा कि जिस कार्यालय में उन्हें रखा गया था, वहां उन लोगों ने काफी अत्याचार किया। हेमा ने दावा किया कि इराक में उनकी तरह 30 से 40 लड़कियां फंसी हुई हैं। जिन्हें ग्राहकों के सामने पेश किया जाता है और उनसे जबरदस्ती गलत काम कराया जाता है।वहीं राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि दोनों लड़कियों के पीड़ित परिवारों ने कुछ दिन पहले उनसे संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि उनकी बेटियां इराक में फंसी हुई हैं। ट्रैवल एजैंट द्वारा उन्हें छोड़ने के लिए 10 से 12 लाख रुपए की मांग की जा रही है। इसके तुरंत बाद उन्होंने एक पत्र के जरिए इस मामले को विदेश मंत्रालय के ध्यान में लाया। जिस पर भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई की और ये लड़कियां करीब 20 दिनों में बिना पैसे दिए अपने घर लौट आई।