घर से भागे बच्चों को किया परिजनों के हवाले, रेलवे चाइल्ड लाइन ने माता-पिता को दी ये हिदायतें

punjabkesari.in Saturday, Feb 26, 2022 - 09:54 PM (IST)

लुधियाना  (गौतम) : परिवार से किसी न किसी वजह को लेकर घर छोड़ कर निकले या फ्रैंडशिप के चक्कर में घर छोड़ कर निकले नाबालिग व बालिग बच्चों को रेलवे चाइल्ड लाइन ने पकड़ कर मां-बाप के हवाले किया। फरवरी माह में रेलवे चाइल्ड लाइन की तरफ से इस तरह के 29 मामलें हल किए गए। कोर्ओडिनेट कुलविंदर सिंह डांगो ने बताया कि इन मामलों में बच्चों की काऊसलिंग करने के बाद ही उन्हें परिवार के हवाले किया गया है। कई मामलों में  लड़कियों के मां-बाप ने किसी भी तरह की कार्रवाई करवाने से मना कर दिया । 

केस नंबर 1 :  कुछ दिन पहले ही दोराहा के रहने वाले एक नाबालिग लड़की और युवक को रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पकड़ा। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वह दोराहा से लुधियाना घूमने के लिए आए थे और वापस जाने के लिए स्टेशन पर पहुंचे थे। जिस पर टीम की तरफ से लड़की के माता-पिता को सूचित किया गया तो पता चला कि दोनों एक ही गांव के है। पहले भी दोनों परिवार का इसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसे पंचायती तौर पर खत्म कर दिया गया था। अब दोबारा पकड़े जाने पर भी पहले नाबालिगा का परिवार लड़के के खिलाफ कार्रवाई करवाने को तैयार था, लेकिन बाद में उन्होंने फिर पंचायती फैसला कर लिया। 

केस नंबर 2 :  एक अन्य मामले में टीम ने 3 नाबालिग लड़कियों और 2 लड़कों को रेलवे स्टेशन पर पकड़कर पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह पेपर खत्म होने के बाद घूमने के लिए आए थे। उनके माता-पिता को सूचित करके उनके हवाले किया गया।
 
केस नंबर 3:  कुछ दिन पहले टिब्बा रोड़ की रहने वाले 9वीं कक्षा की छात्रा भी घर पर हुए मामूली विवाद को लेकर घर से रूठ कर चली आई। उसे भी टीम ने पकड़ कर काऊसलिंग के बाद परिवार के हवाले किया तो पता चला कि घर में इलैक्ट्रोनिक सामान खराब होने को लेकर विवाद हुआ था।
 
टीम में शामिल लोगों का कहना है कोरोना के कुछ समय बाद इस तरह के मामलें अधिक आए थे, जिनमें लड़की व लड़के की सोशल मीडिया पर जान पहचान हुई और वह एक दूसरे के लिए घर छोड़ कर चले आए। इस मामलें में एक दिल्ली की लड़की घर छोड़ कर लुधियाना अपने दोस्त से मिलने के लिए पहुंच गई थी, उसे भी रेलवे चाईल्ड लाइन ने परिवार के हवाले किया गया था ।
 
इस मामले में एडवोकेट लविशा ग्रोवर का कहना है कि लोगों को अपने घर में  फ्रैंडली माहौल बनाना चाहिए और बच्चों के साथ दूरी नहीं बनानी चाहिए। अगर वो कोई गलती करते भी है तो उन्हें प्यार से हैंडल करना चाहिए। अधिकतर बच्चे डर के कारण ही घर से भागने का कदम उठाते है। माताओं को अपनी बेटियों के साथ बातचीत करनी चाहिए और अगर उनकी कोई समस्या हो तो उसे दूर करना चाहिए । 

को-आर्डिनेट रेलवे चाइल्ड लाइन कुलविंदर सिंह बताया कि मामलों की काऊसलिंग के दौरान सामने आया है कि बच्चों के अपने माता-पिता से दूरी रहती है। दूसरा कारण है मोबाइल प्रयोग। अधिकतर बच्चे घूटन के माहौल से हट कर आजादी चाहते है और अपने ऊपर किसी तरह की कमांड नहीं चाहते। इसलिए माता-पिता का फर्ज है कि बच्चों के साथ दिन में कुछ न कुछ समय जरूर बिताए और उनकी समस्याओं का समाधान करें। 

 

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News Editor

Kamini

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