सुनील जाखड़ ने CM चन्नी और सिद्धू को एकजुट होने की दी अनोखी उदाहरण

punjabkesari.in Saturday, Dec 18, 2021 - 11:54 AM (IST)

जालंधर (सुनील धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 2017 से 2021 तक प्रधान रहे सुनील जाखड़ को कांग्रेस नेतृत्व ने पंजाब कांग्रेस कैम्पेन कमेटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी है। 2012 से 2017 तक वह पंजाब में विधानसभा के अंदर विपक्षी नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं। सुनील जाखड़ की पंजाब विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका रहनी है। हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने के कारण हिंदू समुदाय जाखड़ की तरफ देख रहा है। पंजाब विधानसभा चुनावों व कांग्रेस की राजनीति को लेकर आज उनसे बातचीत की गई जिनके प्रमुख अंश निम्नलिखित हैं-

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प्र. पंजाब विधानसभा के चुनावों का बिगुल बज चुका है। आपको कांग्रेस को लेकर क्या संभावनाएं दिखाई दे रही हैं?
उ. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बहुमत हासिल करके फिर से सरकार बनाएगी।

प्र. कांग्रेस के दावों के बावजूद पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आपसी मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं?
उ. मैं तो केवल इतना ही कहूंगा कि पंजाब व कांग्रेस के बड़े हितों को देखते हुए दोनों नेताओं को आपसी मतभेद भुलाने होंगे। अगर 31 किसान नेता एकजुट हो सकते हैं तो फिर कांग्रेस के 2 नेता एकजुट क्यों नहीं हो सकते? किसानों के बड़े हितों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न किसान यूनियनों के नेताओं ने आपसी मतभेदों के बावजूद एकजुट होकर आंदोलन किया और जीत हासिल की। अब ऐसा ही कांग्रेस के दोनों नेताओं को करना होगा। 

प्र. आमतौर पर देखा गया है कि चन्नी व सिद्धू द्वारा अलग-अलग रैलियां की जा रही हैं। इससे लोगों में एकजुटता का संदेश नहीं जा रहा है?
उ. मेरा यही मानना है कि हमें आपसी एकजुटता दिखानी होगी। मेरे कई मामलों में मतभेद थे परन्तु कांग्रेस व पंजाब के बड़े हितों को देखते हुए मैंने भी कांग्रेस की रैलियों में भाग लेना शुरू कर दिया है जिससे लोगों में यह संदेश जाए कि पार्टी एकजुट है। हमें राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के सपने पूरे करने हैं और सोनिया गांधी को मजबूती देने के लिए पंजाब में कांग्रेस को जिताना है।

प्र. यह देखा जा रहा है कि सिद्धू व चन्नी के मध्य आपसी प्रतियोगिता चल रही है?
उ. मेरी यही कोशिश रहेगी कि दोनों नेताओं को एकजुट किया जाए। 2022 के मिशन को हमें पूरा करना है और पंजाब के लोग भी कांग्रेस से यही अपेक्षा रखते हैं।

प्र. आम आदमी पार्टी के पक्ष में ज्यादातर चुनावी सर्वे आ रहे हैं?
उ. यह सही है कि अभी तक चुनावी सर्वेक्षण आम आदमी पार्टी के पक्ष में आए हैं परन्तु इसके बावजूद मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी का गुब्बारा जल्द फूट जाएगा। जैसे ही आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान करेगी उसके बाद यह पार्टी 2017 की तरह फिर से बिखर जाएगी।

प्र. केजरीवाल बार-बार पंजाब के दौरे कर रहे हैं?
उ. केजरीवाल जितने मर्जी दौरे कर लें, उससे कुछ भी होने वाला नहीं है। दिल्ली का तो वह कुछ संवार नहीं सके, अब पंजाब का क्या संवारेंगे। पंजाब के लोगों ने 2 बार आम आदमी पार्टी को ताकत देने की कोशिश की परन्तु दोनों बार वह इसमें विफल हुई। 2014 में लोगों ने आम आदमी पार्टी के 4 सांसदों को जिताकर भेजा था। 2017 में भी उसे विपक्षी नेता पद मिला। इसके बावजूद वह अपने आपको एकजुट नहीं रख सकी।

प्र. अकाली दल व बसपा के गठबंधन को लेकर आप क्या कहेंगे?
उ. 100 वर्ष पुरानी पार्टी अकाली दल ने पंजाब में सत्ता में आने के बाद जी भर कर लूटा परन्तु अकालियों के दामन से अब भी चिट्टे की बदबू आ रही है।

प्र. बसपा के साथ गठजोड़ करने का क्या अकाली दल को फायदा मिलेगा?
उ. मुझे नहीं लगता कि इसका अकाली दल को कोई लाभ मिलेगा। कांग्रेस की विचारधारा जात-पात की राजनीति करने की नहीं रही है बल्कि उसने हमेशा सभी धर्मों व जातियों के लोगों को साथ लेकर चलने की कोशिश की है। कांग्रेस की विचारधारा से किसी को भी खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस का स्वरूप धर्मनिरपेक्षता वाला रहेगा। देश में पहले ही टी.एम.सी., भाजपा व अन्य पार्टियां दलगत राजनीति कर रही हैं, उससे पंजाब को बचाना है। जात-पात का कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है।

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ड्रग्स तथा धार्मिक बेअदबी के मामले हल करने ही पड़ेंगे
सुनील जाखड़ का मानना है कि कांग्रेस सरकार को ड्रग्स तथा धार्मिक बेअदबी के मामलों को हल करना ही पड़ेगा। 
उन्होंने कहा कि ये मुद्दे आज भी जीवित हैं। जाखड़ ने कहा कि लोगों का विश्वास कांग्रेस से डगमगाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स को भी संभालने की जरूरत है। कभी अस्थाना का पत्र लीक हो जाता है तो कभी डी.जी.पी. को बदल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के भरोसे को चोट पहुंचती है। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस सरकार ड्रग्स तथा धार्मिक बेअदबी के मामलों को जल्द हल करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

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मैरिट पर ही कांग्रेसियों को मिलेंगी टिकटें
जाखड़ ने कहा कि पंजाब विधानसभा के चुनावों में कांग्रेसियों को मैरिट के आधार पर ही टिकटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि चाहे अपने-अपने स्तर पर कई नेताओं ने संभावित उम्मीदवारों की सूचियां तैयार की हुई हैं परन्तु अंतत: फैसला केंद्रीय चुनाव कमेटी में होगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की नजरें भी पंजाब में कांग्रेसियों को दी जाने वाली टिकटों की तरफ लगी हुई हैं तथा अंतिम फैसला सोनिया गांधी व राहुल गांधी द्वारा मिलकर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवारों के पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेज देगी तथा वहीं पर अंतिम फैसला होगा।

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News Editor

Urmila

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