विजिलेंस विभाग के राडार पर आए कई अधिकारी, जल्द बड़े खुलासे होने की संभावना
punjabkesari.in Tuesday, Jul 18, 2023 - 02:03 PM (IST)

लुधियाना (खुराना) : पंजाब केसरी द्वारा गत 29 जून को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किए गए समाचार "विजिलेंस ब्यूरो द्वारा जारी लिस्ट के बाद जिला परिषद व ब्लॉक समितियों के कर्मचारियों में मचा हड़कंप" मामले में हालाकि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा विभाग से संबंधित उन 138 कर्मचारियों को लिस्ट तो जारी कर दी गई है। जिनको विभागीय अधिकारियों द्वारा गैर कानूनी तरीके से कच्चे से पक्का करने का कथित खुलासा किया गया है।
इस गंभीर मामले में विजिलेंस विभाग की जांच कछुआ चाल चलने के कारण विभागीय गलियारों में कई तरह की चर्चाएं फैलने लगी है। चर्चा है विभाग के कई आला अधिकारियों द्वारा ना केवल नियमों को छिक्के पर टांगते हुए 138 कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया है बल्कि इस सारे गोरखधंधे में कथित लाखों रु. का लेन-देन भी किया गया है और इस सारे एपिसोड में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के कई बी.डी.पी.ओज एवम अन्य अधिकारी विजिलेंस विभाग की रडार पर चल रहे है। जो कि अब अपनी खाल बचाने के लिए सियासत के बड़े महारथियों की शरण में पहुंचे चुके हैं ता कि वह किसी तरह से खुद को विजिलेंस विभाग की कार्रवाई से महफूज कर सके, चर्चा तो यहां तक है कि कर्मचारियों को गैरकानूनी तरीके से पक्का करने वाले संदिग्ध अधिकारी साम, दाम, दंड, भेद, भाव जैसी प्रत्येक नीति का खुलकर उपयोग कर रहे हैं। देखना अब यह होगा कि विजिलेंस विभाग द्वारा कब मामले की जांच पूरी कर आरोपी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाएगी या फिर विभागीय गलियारों में उठ रही चर्चाओं के अनुसार यह गंभीर मामला फाइलों की धूल में कही दफन हो कर रह जायेगा फिलहाल इन सब सवालों के जवाब समय के गर्भ में छुपे हुए है।
यहां इस बात का जिक्र करना भी अनिवार्य होगा कि विजिलेंस विभाग के एस.एस.पी, स . रूपिंदर सिंह संधू द्वारा उक्त मामले की जांच की जा रही है जिसमें आने वाले दिनों में बड़े खुलासे होने की संभावनाएं बनी हुई है माना जा रहा है कि इस गंभीर मामले में जिला ग्रामीण एवं पंचायत विभाग से संबंधित कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
मामले में आया नया मोड़
इस सारे एपिसोड में उस समय नया मोड़ आ गया जब विभाग के सुखपाल सिंह गिल ने खुद को मामले का शिकायतकर्ता बताते हुए दावा किया कि कर्मचारियों को गैरकानूनी तरीके से पक्का करने के मामले में विभाग के कई अधिकारी जिम्मेदार है। जिन्होंने अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा तय किए गए नियमों और शर्तों की जमकर धज्जियां उड़ाई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अधिकारियों द्वारा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए संभावित बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार जैसे अपराध को अंजाम दिया हो सुखपाल सिंह ने कथित दावा किया है कि मामले संबंधी उनके पास कई पुख्ता सबूत मौजूद है।
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