‘अब हिंदी का मास्टर पढ़ाएगा पंजाबी भी, और पंजाबी का हिंदी भी’
punjabkesari.in Tuesday, Jan 23, 2018 - 10:19 AM (IST)

कपूरथला (मल्ली): सरकारी मिडल स्कूलों में हिंदी व पंजाबी अध्यापकों को लेकर जारी किए गए पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग पंजाब के फैसले की एली. टीचर्ज यूनियन ने सख्त शब्दों में हिंदी की है। एली. टीचर्ज यूनियन पंजाब के नेता रवि वाही ने बताया कि मिडल स्कूलों में चल रही अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग पंजाब ने एक अजीबो-गरीब फैसला लिया है, जिसके अनुसार जिन मिडल स्कूलों में हिन्दी व पंजाबी भाषा पढ़ाने वाले अध्यापकों की कमी है, वहां पर अन्य मिडल स्कूलों जहां पर दोनों भाषाओं के अध्यापक मौजूद हैं, में से एक भाषा के अध्यापक को बदल कर भेजा जा रहा है।
विद्यार्थियों का करियर भी खराब होगा
उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग नए अध्यापकों की भर्ती न करते हुए हिंदी के मास्टर को जोकि हिंदी व पंजाबी व पंजाबी के मास्टर को पंजाबी व हिंदी दोनों ही पढ़ाने के आदेश जारी किए गए हैं। वाही ने कहा कि मिडल स्कूलों में विद्यक सैशन अंतिम पड़ाव पर है और भाषाओं के अध्यापकों को बदलने कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुक्सान तो होगा ही और इससे विद्यार्थियों का करियर भी खराब होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग अपना उक्त फैसला वापस ले।
जोरदार संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे अध्यापक संगठन
ई.टी.यू. नेता गुरमेज सिंह ने कहा कि शिक्षा सुधार के नाम पर पंजाब सरकार जो तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है, वह विभाग व समाज के हित में नहीं है। अध्यापक नेता सुरिन्द्रजीत सिंह, गुरदीप सिंह, अजय कुमरा, हरीश कुमार, विजय कुमार, राज कुमार, हरजिन्द्र सिंह, रजिंद्र सिंह, अपिंद्र सिंह, नवदीप, सुरजीत सिंह, गुरविन्द्र सिंह ने कहा कि अगर मिडल स्कूलों में भाषा के टीचर उठाने का फैसला पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग वापस नहीं लेता तो सभी अध्यापक संगठन मिलकर पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ जोरदार संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।