नदीननाशकों के सैंपल फेल होने का मामला : खेतीबाड़ी अधिकारी को भेजा नोटिस, सुनवाई 8 अगस्त को
punjabkesari.in Tuesday, Jul 19, 2022 - 10:40 AM (IST)
मोगा (गोपी राऊके): नई दाना मंडी में तैनात खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी के भाई की दुकान धालीवाल पैसेट कंट्रोल से भरे गए नदीननाशकों के सैंपल फेल होने के बाद जहां यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी तरफ इस दुकान के डीलर रंजीत सिंह ने दोबारा री-सैंपलिंग करवाने के लिए सी.जे.एम. की कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इस पर कोर्ट ने मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी को नोटिस भेजा है और मामले की सुनवाई के लिए 8 अगस्त का समय निश्चित किया है। बताना बनता है कि धालीवाल पैसेट कंट्रोल से भरे गए सैंपल फेल होने का मामला चाहे जिला खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों ने दबा रखा था परन्तु पंजाब केसरी द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उजागर करने उपरांत कई किसान हितैषी पार्टियों ने भी इस मामले को लेकर संघर्ष शुरू किया है। किसान नेताओं का आरोप है कि यदि खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों के नजदीकियों की दुकान से ही किसानों को घटिया वस्तुओं की सप्लाई हो रही है तो फिर किसानों के हालातों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
किसानों के लिए मुफ्त कानूनी लड़ाई लड़ेंगे एड. राजपाल
दूसरी तरफ जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट राजपाल शर्मा ने इस मामले पर किसानों की मुफ्त कानूनी लड़ाई लड़ने की घोषणा की है। इस मामले को उठा रहे भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेता लवजीत सिंह ददाहूर ने आज जिले के डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह, मुख्यमंत्री भगवंत मान व खेतीबाड़ी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को भेजे शिकायत पत्रों की कॉपियां दिखाते हुए कहा कि किसानों की लूट बंद करवाने के लिए सरकार को यह मामला गंभीरता से लेना चाहिए।
5 वर्षों दौरान विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जांच की मांग
इस दौरान किसानों ने इस मामले संबंधी हलका धर्मकोट के विधायक दविन्द्रजीत सिंह लाडी ढोस को भी दुखड़े सुनाए। उन्होने विधायक को इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के साथ-साथ कांग्रेस हुकूमत दौरान गत 5 वर्षों में खेतीबाड़ी विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जांच की मांग भी उठाई। किसानों का कहना है कि सरकार यह जांच करवाए कि पिछले 5 सालों दौरान कितने सैंपल भरे गए और कितने फेल या पास हुए तथा इसपर क्या कार्रवाई हुई है।
अदालत में किसानों का दिया जाएगा साथ : एड. शर्मा
एडवोकेट राजपाल शर्मा ने इस मामले संबंधी स्पष्ट किया कि किसानों के साथ पार्टी के तौर पर अदालत में खड़े होकर इस केस की पैरवी की जाएगी और सरकार का साथ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की लैब से दवाई की क्वालिटी सिर्फ 37 प्रतिशत आई है। इतनी कम क्वालिटी केन्द्रीय लैब में भी कैसे पास होगी। इस मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं संबंधी अपना पक्ष कोर्ट में रखा जाएगा। मामले की जांच के लिए खेतीबाड़ी विभाग पंजाब के डायरैक्टर को शिकायत पत्र भी भेजा जा रहा है।
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