गेहूं की जगह अब इस स्कीम की तैयारी में पंजाब की ''आप'' सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Apr 12, 2022 - 04:41 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी (धीर) : पंजाब के राशन डिपो में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत घर-घर गेहूं पहुंचाने की घोषणा के बाद अब पंजाब सरकार गेहूं की जगह आटा बांटने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने आटा चक्की व आटा मिलों से 5 व 10 किलो आटे की पैकिंग करने के इच्छुक मालिकों को आमंत्रित किया है।

मिल मालिकों को विभाग द्वारा जारी प्रोफार्मा में अपनी जानकारी भरकर डाक से या अनाज भवन चंडीगढ़ कार्यालय में भेजने को कहा गया है। इस संबंध में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग पंजाब ने उन बड़ी आटा मिलों या आटा चक्की को आमंत्रित किया है जो रोजाना कम से कम 100 मीट्रिक टन आटा पीस सकते हैं। बता दें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत पंजाब में लगभग 40 लाख लाभार्थियों को 18000 से अधिक सरकारी दुकानों और राशन डिपो के माध्यम से गेहूं वितरित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों को प्रति सदस्य प्रति माह 5 किलो गेहूं/राशन दिया जाता है लेकिन पंजाब में देश से अलग एक सदस्य को 30 किलो बंद गेहूं की बोरी 6 महीने के लिए 20 रुपए की लागत से दी जाती है। प्रति कि.ग्रा. पंजाब में लाभार्थियों को 6 माह का कुल गेहूं साल में 2 बार दिया जाता है। यह योजना 2013 से अक्टूबर 2021 तक जारी रही लेकिन पंजाब में चन्नी सरकार ने साल में 2 बार दिए जाने वाले गेहूं को हर 3 महीने में 4 बार बढ़ा दिया लेकिन 31 मार्च 2022 तक दूसरी तिमाही में गेहूं का वितरण नहीं किया गया। खबरें हैं कि केंद्र सरकार ने समय पर राशन नहीं बांटने पर पंजाब सरकार को फटकार भी लगाई है।

राशन डिपो होल्डर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार का यह फैसला बहुत सफल नहीं होगा। इससे पहले भी अकाली दल सरकार ने राशन डिपो में आटा बांटने की योजना शुरू की थी, लेकिन बड़े मिल मालिकों द्वारा आटे की समय पर डिलीवरी और क्वालिटी के रखरखाव के कारण सरकार को इस योजना को बंद करना पड़ा था। इसी तरह पिछले कोरोना काल में सरकार द्वारा अपने विधायकों, पार्षदों और सरपंचों के माध्यम से आटा पैक कर वितरण किया गया था। डिपो होल्डर्स एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि घोषणाएं सीधे सरकार द्वारा की जा रही हैं। डिपो होल्डरों या जमीन पर काम करने वाले अन्य विशेषज्ञों से कोई सलाह नहीं ली जा रही है।

सरकार द्वारा तैयार की जा रही इस योजना से पंजाब में फ्लोर मिलों के मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि पंजाब के 40 लाख लाभार्थी राशन डिपो से गेहूं लेते हैं और इन मिलों के माध्यम से आटा पीसते हैं। पंजाब सरकार द्वारा कार्डधारक लाभार्थियों को आटा बांटने की जो योजना तैयार की जा रही है उसमें आम मिल मालिकों को दरकिनार कर बड़ी फ्लोर मिलों को पीसने का काम सौंपने की योजना भी शामिल है, जिसमें विशेष तौर पर यह शर्त रखी गई है कि जो मिल प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन तैयार करके दे सकती है वह अपनी विवरण भैज सकती है।

सरकार के इस फैसले के बारे में विभिन्न मिल मालिकों से बात करते हुए उन्होंने सरकार के इस फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि आम मिल मालिकों का काम बुरी तरह प्रभावित होगा क्योंकि 40 लाख परिवार सरकारी डिपो से गेहूं लाते लाकर इनसे पिसवाई करवाते थे। अब लोगों को फ्लोर मिलों से ही तैयार होकर आटा मिलेगा। 

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kamini

Recommended News

Related News