कोई था इकलौता तो कोई जिगर का टुकड़ा,एक पल में हादसे ने छीन ली खुशियां

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2017 - 02:31 PM (IST)

अमृतसरः जंडियालागुरु के गांव दशमेश नगर में हुए भयानक हादसे के बाद पूरा गांव सदमे में है। उल्लेखनीय है कि ओवर-स्पीड बोलेरो जीप के कारण 4 बच्चों सहित 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, पुलिस चालक हरभजन सिंह गोपालपुरा जिला परिषद के चेयरमैन और अकाली नेता जैल सिंह को हिरासत में लेकर वी.आई.पी. ट्रीटमेंट देती रही। सिविल अस्पताल में ठंडा पिलाया गया और वहां बैठे-बैठे शान से अपने करीबियों को फोन पर कह रहा था कि 6 लोग मर गए, पंगा हो गया मेरे साथ।

हादसे के चश्मदीद लोगों ने बताया, दोपहर बच्चे सड़क किनारे खड़े कुल्फी वाले कुलचे वाले से खरीददारी कर रहे थे।इसी बीच तेज रफ्तार बोलेरो आई और कुलचे वाली रेहड़ी को टक्कर मारी। रफ्तार 100 किमी. से अधिक थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कुलचे की रेहड़ी के परखच्चे उड़ गए। कुल्फी की रेहड़ी भी 50 मीटर दूरी घसीटती चली गई। इस दौरान जीप ने 8 बच्चों और कुलचे और कुल्फी की रेहड़ी वाले को चपेट में ले लिया। इस हादसे में  कुलचे वाले भाेला, कुल्फी वाले रमेश कुमार सहित जाेबन सिंह (10), बलविंदर सिंह(9), गुरप्रीत सिंह (11),गुरविंदर सिंह  (6) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

5 बहनों का अकेला भाई था गुरप्रीत 

गुरप्रीत की बहन अमन ने बताया कि वह पांच बहनों का अकेला भाई था। उन्हें 15 साल बाद भगवान के आगे मिन्नतें कर भाई मिला था। कभी नहीं सोचा था कि वे पल भर में उनसे छिन जाएगा।गुरप्रीत इतना अधिक लाडला था कि उसके बिना तो वे खाना भी नहीं खाते थे। फूलों की तरह उसे पाला। उन्हें पता ही नहीं था कि वह इस तरह उनकी आंखों से दूर हो जाएगा।

मेरे जिगर के दोनों टुकड़े छिन गए : मेजर सिंह
बलविंदर सिंह और गुरविंदर सिंह दोनों ही सगे भाई थे। जंडियाला गुरु में रिक्शा चलाने वाले उनके पिता मेजर सिंह का घटना के बाद से ही बुरा हाल है। उसने बताया कि उसके जिगर के दो टुकड़े थे और भगवान ने दोनों ही छीन लिए। वह दोनों को पढ़ा-लिखा कर अफसर बनाना चाहता था। वह तो दिन में 12 घंटे मेहनत कर पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे करता था। कभी नहीं सोचा था कि उनकी पढ़ाई के लिए बचाए पैसे, उनके संस्कार पर लगाने होंगे।

पता ही नहीं चला क्या हुआ : प्रभजीत कौर
घटना के बारे में पूछने भर से ही प्रभजीत कौर रोने लगती है। घटना में घायल हुई प्रभजीत कौर ने बताया कि वे तो अपने भाइयों के साथ बाहर खेल रही थी। पता ही नहीं चला कि क्या हुआ। उसे तो जोरदार धक्का लगा और वे पास ही नाली में गिल गई। उसकी बांई टांग पर पांच टांके लगे हैं।  


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