डायरिया: समय पर इलाज न करवाने से जा सकती है जान

punjabkesari.in Thursday, Aug 30, 2018 - 01:41 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत): जिले में डायरिया (उल्टियां-दस्त) की बीमारी सक्रिय होती जा रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग उक्त बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों में अधिकतर मरीज संबंधित बीमारी से उपचाराधीन हैं। 

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जानकारी के अनुसार बरसात के मौसम दौरान उल्टियां-दस्त की बीमारी हर वर्ष हजारों मरीजों को अपनी चपेट में ले लेती है। समय पर इलाज न करवाने पर उक्त बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। जिले के सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों में करीब 50 प्रतिशत डायरिया के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। शहरी क्षेत्र में संबंधित बीमारी के मरीजों की संख्या देहाती क्षेत्रों की अपेक्षा और ज्यादा है। सेहत विभाग द्वारा चाहे समय-समय पर डायरिया की बीमारी संबंधी लोगों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जाते हैं परंतु फिर भी कुछ लोगों तक विभाग की जागरूकता मुहिम के अंतर्गत संदेश नहीं पहुंच रहा है। विभाग द्वारा डायरिया के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में सुचारू प्रबंध किए गए हैं। मरीजों को तुरंत उक्त बीमारी के लक्षणों को देखते हुए विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सरकारी अस्पताल वेरका के एस.एम.ओ. डा. विजय सरोवा ने बरसाती मौसम के दौरान लोगों को सचेत रह कर साफ-सुथरा खाने-पीने संबंधी अपनी राय दी है।

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इस तरह फैलता है डायरिया
एस.एम.ओ. डा. विजय सरोवा ने बताया कि बरसाती मौसम के दौरान कटे फल, चटपटी चीजें, धूल-मिट्टी की चपेट में आए खाद्य पदार्थ, मिलावटी दूध, दही, पनीर, पानी कम पीना, भारी खाना खाने आदि से डायरिया फैलता है। डायरिया के लक्षण उल्टियां, दस्त होना, बुखार होना, पेट में दर्द होना, दिल कच्चा होना, चमड़ी खुश्क हो जाना, मुंह सूखना, पेशाब कम आना, आंखों में थकावट रहना, कुछ खाने का मन न करना, शरीर में दर्द होना आदि। 


ये बरतें मुख्य सावधानियां
साफ-सुथरा और ताजा खाना खाएं। बाहरी चटपटी चीजों से करें परहेज।हाथ धोकर भोजन करें।पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए।डायरिया होने पर नींबू व ओ.आर.एस. के घोल को और ज्यादा मात्रा में लें।बाजारी दूध, दही के साथ बनी चीजों को खाने से बचें। भारी खाना अधिक मात्रा में न खाएं।


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