Punjab: सिविल अस्पताल में फर्जी रिपोर्ट का बड़ा खेल, हैरान करेगा मामला

punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 05:01 PM (IST)

लुधियाना : जिले के सिविल अस्पताल में असला लाइसेंस को लेकर गंभीर मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, सिविल अस्पताल में लाइसेंस के लिए डोप टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट बनाने का धंधा चल रहा था। अस्पताल के एंट्री गेट और ओपीडी के आसपास कुछ लोग डोप टेस्ट करवाने आए लोगों को घेरकर उनसे पैसे वसूलते हैं।

जानकारी के मुताबिक, ये लोग या तो फर्जी सैंपल देकर टेस्ट करवा लेते हैं या डॉक्टरों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर देते हैं। ऐसे टेस्ट के लिए वे 10 से 15 हजार रुपये लेते हैं। मामला तब उजागर हुआ जब एसीपी लाइसेंसिंग की शिकायत पर इस गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस कमिश्नर ने इस पर तुरंत ध्यान दिया और जांच एक एसीपी स्तर के अधिकारी को सौंप दी। जांच में यह खुलासा हुआ कि अस्पताल में घूमने वाले कुछ लोग इस अवैध धंधे में शामिल हैं और डोप टेस्ट करवाने आए लोगों को फर्जी रिपोर्ट थमा रहे हैं।

जांच दौरान सिविल अस्पताल में घूमने वाले आरोपियों के नाम सामने आने पर पुलिस ने 2 लोगों को हिरासत में और एक गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान राम कुमार के रूप में हुई जोकि अस्पताल में डोप टेस्ट करवाने आने वाले लोगों को गुमराह करके अच्छी खासी रकम वसूल करता था। राम कुमार डाक्टरों की नकली मोहरें और जाली हस्ताक्षर करके नकली डोप टेस्ट की रिपोर्ट बनवाता था। 

ऐसे हुआ खुलासा

मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने सूचना के आधार पर मेट्रो मॉल के पास जीटी रोड बठिंडा की तरफ जा रही कार (PB26 D-7229) को रोक कर तलाशी ली। इस दौरान कार चालक राम कुमार के पास से 2 स्टैंप, दस्तावेच फाइलें और उक्त कार बरामद की गई। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है। 

आपको बता दें कि, इंटरनेशनल शूटर गुरनिहाल सिंह गरचा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। थाना डिवीजन नंबर 5 में गत 13 मई को मामला दर्ज  किया गया था। शूटर गरचा पर आरोप था कि उसकी पिस्टल का लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए डोप टेस्ट की जो रिपोर्ट पेश की है वह फर्जी है। शूटर गरचा के खिलाफ मामला दर्ज एसीपी लाइसेंसिंग राजेश शर्मा ने दर्ज करवाई थी। इस दिन एक और व्यक्ति ललित कुमार निवासी साहनेवाल कलां के खिलाफ भी फर्जी रिपोर्ट पेश करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया गया था। ऐसे ही और कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें डोप टेस्ट की रिपोर्ट पर फर्जी हस्ताक्षर किए हुए थे। अगस्त महीने में  6 लोगों की फर्जी रिपोर्ट सामने आई है। शूटर गरजा और सिक्योरिटी गार्ड ललित की डोप टेस्ट रिपोर्ट पर फर्जी हस्ताक्षर थे। जिस डाक्टर के हस्ताक्षर रिपोर्ट थे वह तो उस दिन छुट्टी पर था। जिसके चलते पुलिस को शक हुआ। 

जानें क्यों होता है डोप टेस्ट

सरकार किसी भी नशा करने वाले व्यक्ति को असला लाइसेंस नहीं देती। इसलिए असला लाइसेंस देने से पहले व्यक्ति का डोप टेस्ट किया जाता है। यही नहीं अगर किसी व्यक्ति का लाइसेंस रिन्यू करने वाला होता है तो उसका भी डोप टेस्ट किया जाता है। इससे पता चल जाता है कि लाइसेंस लेने वाला व्यक्ति नशा करता है या नहीं।

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News Editor

Kamini

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