जेल में भूख हड़ताल पर बैठे अमृतपाल को लेकर बोले पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह
punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2023 - 01:11 PM (IST)

पंजाब डेस्क: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के मामला को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह और अन्य सिख युवकों को आटे में तंबाकू गूंथकर दिया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये बर्दाश्त करने लायक नहीं है। ये इन युवाओं के धर्म पर सीधा हमला है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सिख इस तरह की घिनौनी हरकत कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं देनी चाहिए। किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं शिरोमणि कमेटी ने कहा है कि डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह और उनके साथियों के साथ अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कमेटी ने कहा है कि जेल में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। गुरसिखों को दाल सब्जी के साथ तम्बाकू देना महापाप है।
आपको बता दें असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह अपने सभी साथियों के साथ भूख हड़ताल पर है। इस बात का खुलासा अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने किया है। सूत्रों अनुसार किरणदीप कौर हर हफ्ते अमृतपाल से मिलने के लिए डिब्रूगढ़ जेल में जाती है। इस दौरान अमृतपाल ने बताया कि जेल में उन्हें अच्छा खाना नहीं दिया जा रहा है। आरोप है कि जिस व्यक्ति पर खाना पकाने की जिम्मेदारी है वह तंबाकू का सेवन करता है, जो सिख रहत मर्यादा (धार्मिक आचरण संहिता) के खिलाफ है। साथ ही अमृतपाल ने यह भी मांग की है कि जेल से उन्हें फोन करने की अनुमति दी जाएं।
हालांकि जेल प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है। शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन को सिख कैदियों के साथ भेदभाव बंद करना चाहिए। आम कैदियों की तरह सिखों को भी जेल में फोन की सुविधा दी जानी चाहिए।
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