आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ISI का प्लान: Referendum-2020 की आड़ में तैयार हो रहे स्लीपर सैल

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 09:36 AM (IST)

जालंधर(कमलेश चंदेल): रैफरैंडम-2020 को अंजाम देने के लिए पंजाब सहित देश के दूसरे राज्यों में विदेशी नंबरों से आ रही रैंडम कॉल्स से पंजाब में स्लीपर सैल तैयार करने की कोशिश की जा रही है। पंजाब में कई लोगों के नंबर पर ऐसी प्री-रिकार्डिड कॉल्स आ रही हैं, जिसमें दूसरी तरफ से बोल रहा व्यक्ति खालिस्तान मुहिम से जुडऩे के लिए प्रेरित करता है। 
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देश में माहौल खराब करने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आ रही रैंडम कॉल्स। खुफिया एजैंसियों की मानें तो इन कॉल्स के जरिए युवकों को भटकाने की कोशिश की जा रही है, ताकि युवक उनकी बातों में आकर खालिस्तान मुहिम से जुड़ जाएं। ऐसे ही युवाओं को स्लीपर सैल बनाने की तैयारी है, ताकि देश में माहौल खराब करने के लिए युवकों को प्रेरित किया जा सके तथा मौका आने पर इनका प्रयोग किया जा सके। यह सारी गतिविधि रैफरैंडम-2020 के तहत की जा रही है। जैसे-जैसे 2020 आगे की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे रैफरैंडम-2020 मुहिम को तेज किया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है और लोगों को उकसाने की कोशिश की जा रही है।

गैंगस्टरों के सफाए के बाद बदली स्ट्रैटेजी
आतंकवाद का दंश झेल चुके पंजाब में फिर से माहौल खराब करने के लिए आई.एस.आई. ने गैंगस्टरों का सहारा लेना शुरू कर दिया था। गैंगस्टरों से संपर्क करने और फिर उन्हें आतंकी गतिविधियों में संलिप्त करने का काम पूर्व आतंकियों द्वारा किया जा रहा था। 2016 में संघ नेता और धार्मिक शख्सियतों की हत्याएं इस बात का प्रमाण हैं। 2017 में जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने सत्ता संभाली तो गैंगस्टरों का सफाया शुरू किया गया। खुफिया एजैंसियों के मुताबिक बड़े पैमाने पर गैंगस्टरों का सफाया होने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. ने अपनी स्ट्रैटेजी बदल ली है। अब पंजाब में माहौल खराब करने की जिम्मेदारी गुरपतवंत सिंह पन्नू को सौंपी गई है, जोकि रैफरैंडम-2020 की आड़ में खुला खेल, खेल रहा है।

पंजाब पुलिस पन्नू के खिलाफ दर्ज कर चुकी है एफ.आई.आर.
पंजाब पुलिस रैफरैंडम-2020 के लिए गतिविधियां चलाने के आरोप में पहले ही प्रतिबंधित आर्गेनाइजेशन सिख्स फॉर जस्टिस के सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर चुकी है। उक्त एफ.आई.आर. जून माह में दर्ज की गई थी, लेकिन अभी तक युवकों को उकसाने के लिए आ रही ये कॉल्स उसी तरह जारी हैं।

टैलीकॉम कंपनियों की मदद से विदेशों से आ रही प्री-रिकार्डिड कॉल्स को रोका जाए
सरकार और पुलिस को चाहिए कि टैलीकॉम कंपनियों की सहायता से विदेशों से आ रही प्री-रिकार्डिड कॉल्स को बंद किया जाए। मात्र एफ.आई.आर. दर्ज करने से ऐसी सोच वाले लोगों पर काबू नहीं पाया जा सकता। इन्हें टैक्नोलॉजी पर बैन कर ही रोका जा सकता है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी ऐसे लोगों को बैन करने की जरूरत है। जानकारों का कहना है कि अगर चाइना की एप्स पर सरकार रोक लगा सकती है तो देश विरोधी सोच रखने वालों और उसके लिए अन्य को  भटकाने वाले लोगों की किसी भी तरह की गतिविधि को भारत में बैन कर देना चाहिए।

खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट नया मॉड्यूल
पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नया आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (के.एल.एफ.) सामने आया है। इसका खुलासा पिछले दिनों दिल्ली में इस संगठन के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट की तरफ से पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंकी ट्रेङ्क्षनग कैंप चलाया जा रहा है। ए.टी.एस. (एंटी टैरारिस्ट स्क्वायड) की पूछताछ में कई नेताओं के निशाने पर होने की पुष्टि हुई थी। इनपुट मिलने के बाद 30 जून को पंंजाब से तीन आतंकियों की गिरफ्तारी संभव हुई थी। के.एल.एफ. नाम से पहले भी एक आतंकी संगठन आतंकवाद के दिनों में काफी सक्रिय रहा है। 


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