‘किसान आंदोलन से राज्य को हजारों करोड़ का नुक्सान, बेमुख होने लगे लोग

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2020 - 09:30 AM (IST)

जालंधर (एन.मोहन): लंबे लॉकडाऊन से उकताए लोगों ने अब किसानों के रेल रोको आंदोलन से  बेमुख होना शुरू कर दिया है। कोयले, खाद के प्रकट हो रहे संकट के साथ-साथ उद्योगों का कच्चा माल भी न आने से त्यौहारी सीजन में उद्योगों की कमर टूटने लगी है, व्यापार मंदी पर है और कर्मचारी बेरोजगार होने लगे हैं। चीन के बहिष्कार का जवाब देने वाली पंजाब की व्यापारिक राजधानी लुधियाना खुद संकट के द्वार पर खड़ी है। अनुमान के मुताबिक पंजाब को किसान आंदोलन से हजारों करोड़ का नुक्सान भुगतना पड़ा है।

पंजाब में बिजली कटों का सिलसिला 30 अक्तूबर से शुरू हो चुका है। राज्य के 5 थर्मल प्लांटों में से अब गोइंदवाल साहिब का थर्मल प्लांट चल रहा है। कोयले के संकट के चलते 1-1 करके अन्य थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन कहीं बंद तो कहीं कम होकर रह गया है। किसान आंदोलन में अब कई मांगें शामिल हो चुकी हैं जिसमें निजी थर्मल प्लांटों के साथ पूर्व की सरकार द्वारा किया बिजली समझौते रद्द करने की बात भी शामिल है इसलिए किसानों ने निजी थर्मल प्लांट को जाने वाली रेल लाइनों पर धरने लगाए हुए हैं। 

नवम्बर में गेहूं की बिजाई का काम भी शुरू होना है। अगर राज्य में बिजली संकट आता है तो पंजाब में बिजाई प्रभावित हो सकती है। सहकारी सभाओं और डीलरों के पास जरूरत के मुकाबले करीब 10 लाख टन खाद की कमी है। 

किसान राज्य में टोल प्लाजा और निजी और कॉर्पोरेट कंपनियों के पैट्रोल पम्पों के आगे धरने लगा कर बैठे हैं। कॉर्पोरेट घरानों के संस्थानों का काम बंद होने के बाद वहां से कर्मचारी भी हटाए जाने लगे हैं। ऐसी ही स्थिति औद्योगिक संस्थानों में हो रही है। उद्योगों में कॉन्ट्रैक्ट पर रखे कर्मचारी हटाए जा रहे हैं जबकि अन्य कर्मचारियों के वेतन पर कट लग चुका है। 

अनुमान के अनुसार करीब 10,000 कर्मचारी सीधे प्रभावित हैं जबकि परोक्ष रूप से प्रभावितों की संख्या कहीं ज्यादा है। रेलें बंद होने से रेलवे स्टेशनों पर आधारित कार्य बंद होने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। लुधियाना समेत अन्य रेलवे स्टेशनों पर करोड़ों रुपयों का माल रेलवे गोदामों में 30 सितम्बर से पड़ा है।

लुधियाना कस्टम हाऊस एजैंट एसोसिएशन की मानें तो लुधियाना से प्रतिमाह हजारों करोड़ों रुपए के 20,000 कंटेनर आते-जाते हैं जो सभी जाम हैं। रेलवे मंडल फिरोजपुर और अम्बाला के अधीन आते पंजाब के विभिन्न रेलवे स्टेशनों को माल ढोने के बदले प्रतिदिन 17 करोड़ से अधिक की आय होती थी जो पिछले 38 दिनों से बंद है। साइकिल, हौजरी, राइस प्रोसैसिंग, चमड़ा, कपास, ट्रैक्टर पार्ट्स, हैंड टूल्स इंडस्ट्री समेत सभी के कार्य ठप्प हैं। त्यौहारी सीजन होने के बावजूद बाजारों में आशानुरूप काम कम है। बाहर से आने वाले खाद पदार्थों के दाम ज्यादा हो गए हैं। 


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Tania pathak

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