कांग्रेसियों को खुश करने के लिए बनाए गए स्मार्ट सिटी के कई प्रोजैक्ट शुरू होने से पहले ही हुए दफन

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 11:29 AM (IST)

जालंधर: स्मार्ट सिटी जालंधर में पिछले समय दौरान रहे अधिकारियों ने जहां ज्यादातर प्रोजैक्टों में खूब मनमर्जी की और स्मार्ट सिटी कंपनी को ‘लाले की दुकान’ की तरह चलाया, वही उस कार्यकाल दौरान मौजूदा कांग्रेसियों को खुश करने के लिए स्मार्ट सिटी के खाते में से कई ऐसे प्रोजैक्ट बना दिए गए ताकि विधायकों को उनका चुनावी फायदा हो सके।

इनमें से कई प्रोजैक्ट ग्रीन बेल्ट डिवैल्पमैंट और पार्कों के सौंदर्यीकरण से संबंधित थे। इन प्रोजैक्टों में से ज्यादातर को अपने चहेते ठेकेदारों को अलाट भी कर दिया गया परंतु हालात यह बने कि साल डेढ़ साल पहले जिन ठेकेदारों ने यह कांट्रैक्ट लिए, उन्होंने मौके पर काम ही नहीं किया। पिछले लंबे समय से शुरू ही नहीं हुए कामों को अब स्मार्ट सिटी के मौजूदा अधिकारियों ने गंभीरता से लिया है और उन कामों को अब खत्म करने का फैसला ले लिया गया है जो शुरू नहीं हो पाए।

पता चला है कि स्मार्ट सिटी के मौजूदा अधिकारियों ने कूल रोड पर अर्बन एस्टेट के निकट रेलवे लाइनों के साथ-साथ सड़क बनाने और ग्रीन बेल्ट डिवैल्प करने के काम को अब न करवाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही साथ जालंधर नॉर्थ के कांग्रेसी नेताओं को खुश करने के लिए टोबरी मोहल्ला वाला पार्क भी स्मार्ट बनाने का फैसला लिया गया था वह अब नहीं बनेगा। जालंधर सेंट्रल के कांग्रेसियों को खुश करने के लिए गुरु नानकपुरा और चौगिट्टी के अलावा महाराजा अग्रसेन पार्क को भी लाखों करोड़ों रुपए लगाकर और सुंदर बनाने का जो फैसला लिया गया था, वह काम अब स्मार्ट सिटी के माध्यम से आगे नहीं करवाया जाएगा। इसके अलावा छावनी क्षेत्र के कांग्रेसी नेताओं को खुश करने के लिए सत करतार नगर, चीमानगर और अर्बन एस्टेट में भी स्मार्ट पार्क बनाने का प्रोजैक्ट बनाया गया था जो अब फाइलों में दफन हो जाएगा।

कई प्रोजैक्टों का करवाया जाएगा थर्ड पार्टी ऑडिट

स्मार्ट सिटी के मौजूद अधिकारियों ने फैसला लिया है कि कई अन्य प्रोजैक्टों का भी थर्ड पार्टी ऑडिट करवाया जाएगा जिनमें टेक्निकल और फाइनेंशियल मामले भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि पंजाब सरकार द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी एजैंसी श्रीखंडे कंसल्टैंसी ने स्मार्ट सिटी के कुछ प्रोजैक्टों का थर्ड पार्टी आडिट करके कई कमियां निकाली थीं, परंतु उस समय के अधिकारियों ने उन कमियों को भी दूर नहीं किया जिस कारण स्मार्ट सिटी कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। अब बाकी प्रोजैक्टों की थर्ड पार्टी जांच के दौरान अगर कोई और गड़बड़ियां सामने आती हैं तो पुराने समय में रहे अधिकारियों को जवाबदेह भी बनाया जा सकता है।

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News Editor

Urmila

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