घरेलू बाजारों में महंगे बिक रहे नए करंसी नोट, जानें क्या है वजह

punjabkesari.in Sunday, Jan 01, 2023 - 10:50 AM (IST)

लुधियाना(स्याल): कहते हैं कि जहां जरूरत होती है, वहीं चीज की कीमत होती है। ऐसा ही कुछ हाल आजकल भारतीय करंसी का भी हो रहा है, जिसे पूरे संसार में भारतीय रुपए के तौर पर जाना जाता है। इन दिनों विदेशी मुद्राओं के मुकाबले लगभग हर देश की करंसी के सामने भारतीय रुपया कमजोर हो रहा है, लेकिन रुपए की हालत का एक नया दिलचस्प पहलु यह है कि स्थानीय बाजार में रुपए की कीमत ज्यादा है, लेकिन बशर्तें नोट बंडल के रूप में और नए हों। क्योंकि इन दिनों नए नोटों की गड्ढी की शहर में बड़ी डिमांड है और इन नोटों के चाहवान इनकी कीमत से ज्यादा अदा करके नोटों की गड्ढी पाने के लिए लालायित दिखते हैं। इस तथ्य को जानने के लिए जब बाजार का दौरा किया गया तो पता चला कि शहर के सर्राफा बाजार में नए नोटों की गड्ढियां लेने के चाहवान ज्यादा पहुंच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन नए नोटों की गड्ढियां देने के काम को कुछ दुकानदारों ने अपना व्यवसाय ही बना लिया है। जो ग्राहकों को नए नोट देने के बदले उनसे ज्यादा रकम वसूल कर अपना सीधा मुनाफा कमा रहे हैं।

इस तरह से हैं नए नोटों की गड्ढी के दाम

10 रुपए वाली 1 हजार की नए नोटों की गड्ढी 350 रुपए में मिल रही है और इसी तरह 5 रुपए के नोटों वाली गड्ढी की मांग सबसे ज्यादा है, लेकिन मार्केट में किस्मत से ही मिल रही है। वहीं दूसरी ओर 2 रुपए व 1 रुपए के नए नोट की गड्ढी तो मिल ही नहीं रही।

बैंकों से मिलने की वजह से ग्राहक करते हैं ऐसी दुकानों का रुख

एक ग्राहक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब खुशी के मौके होते हैं तो नए करंसी नोटों की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इनसे ही हार बनते हैं और शगुन के रूप में भी नए नोट देना शुभ माना जाता है। उसने कहा कि पहले नए नोटों की गड्ढियां बैंकों से मिल जाती थीं, पर अब न मिलने की वजह से ही इन दुकानों की ओर रुख करना पड़ता है, जो महंगे दामों पर अपना अच्छा मुनाफा रखकर ही नए नोट देते हैं। अगर सरकार बैंकों को निर्देश दे तो इन दुकानों का गोरखधंधा बंद हो सकता है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sunita sarangal

Recommended News

Related News