NSCA की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में धर्मसोत को बर्खास्त करने की मांग

punjabkesari.in Saturday, Oct 10, 2020 - 06:31 PM (IST)

पटियाला/चंडीगढ़ः नेशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस (एनएससीए) ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाते हुये उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने, इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा लाखों विद्यार्थियों का भविष्य बचाने के लिए छात्रवृत्ति राशि जारी करने की मांग की है। एनएससीए ने उक्त घोटाले के विरोध में संत समाज संघर्ष समिति के चक्का जाम कार्यक्रम के आहवान पर आज पटियाला बस स्टैंड के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जाम लगाया। 

इस मौके पर एनएससीए के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि जब तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत तीन लाख विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दिया जाता, पांच लाख छात्रों की डिग्रियां और प्रमाणपत्र नहीं दिए जाते और घोटाले में कथित तौर पर शामिल धर्मसोत को पद से नहीं हटाया जाता तब तक संत समाज संघर्ष समिति के साथ एनएससीए का संघर्ष जारी रहेगा। कैंथ ने कहा कि राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता था लेकिन अब छात्रों का भविष्य अंधेरे में झोंका का रहा है। 

उन्होंने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की प्रबंध समिति के माध्यम से छात्रवृत्ति में राज्य सरकार की मिलीभगत करोड़ों रूपये के घोटालों में सरकारों की संलिप्तता उजागर करती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के थर्ड पार्टी ऑडिट और नियंत्रक महालेखा परीक्षक की सितम्बर 2018 की रिपोटर् में भी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की इस छात्रवृत्ति में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया है लेकिन राज्य सरकार कहती है कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। इसके अलावा मुख्य सचिव की रिपोर्ट में भी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रबंधकों और कैबिनेट मंत्री को क्लीन चिट दे दी गई है जो ऐसा दर्शाता है कि इस घोटाले के अपराधियों को बरी कर दिया गया है।

कैंथ के अनुसार यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य सरकार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सजा के अंजाम तक नहीं पहुंचाती। इस संघर्ष में गुरु रविदास सभा, भगवान वाल्मिकी जी और डॉ.अंबेडकर के संगठनों ने इस संघर्ष में भाग लिया।


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Mohit

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