पिछले 7 वर्षों से 200 गज जगह में चल रहे स्कूलों के लिए PSEB के नए नियम
punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 10:39 PM (IST)

लुधियाना (विक्की): लॉकडाऊन के चलते पहले ही पेरैंट्स से फीसें न आने के चलते परेशान राज्य भर के एसोसिएट स्कूलों के सामने उस समय नई मुसीबत खड़ी हो गई जब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इन स्कूलों पर 500 गज जगह पूरी करने की शर्त लगा दी। बोर्ड की ओर से शुक्रवार को जारी उक्त नोटीफिकेशन के बाद स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा गया, क्योंकि शहरी भागों में स्थित अधिकतर स्कूलों के लिए जगह की शर्त को पूरी करना मुमकिन नहीं है। पी.एस.ई.बी. द्वारा जारी निर्देशों में स्कूलों के लिए शर्त लगाई गई है कि 10वीं तक कक्षाएं चलाने के लिए 500 गज और 12वीं तक के लिए 750 गज होनी जरूरी है। इसी के साथ ही स्कूलों को चीफ टाऊन प्लानर या समर्थ अथारिटी द्वारा जारी नक्शा व सी.एल.यू. बोर्ड को जमा करवाने होंगे। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में करीब 2200 एसोसिएट स्कूल हैं जिसमें से 1500 स्कूल 200 से 500 गज तक जगह में चल रहे हैं, वहीं 700 के करीब स्कूलों के पास 500 गज से अधिक जगह है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 में राज्य में 5400 स्कूल एसोसिएट हुए थे लेकिन अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2013 में स्कूलों पर पी.एस.ई.बी. ने 500 गज जगह पूरी करने की शर्त लगा दी थी लेकिन स्कूल संचालकों ने सरकार पर दबाव डालकर जगह वाली शर्त को 200 गज तक करवा लिया। इसके बाद लगातार 7 वर्ष तक उक्त स्कूल 200 गज जगह में चल रहे हैं और प्रति वर्ष बोर्ड इन 2200 स्कूलों से फीस लेकर कंटीन्यूशन प्रोफार्मा जारी करता रहा है। इस वर्ष स्कूलों का प्रोफार्मा जारी नहीं हुआ तो स्कूलों ने शिक्षा मंत्री पर दबाव डालते हुए प्रोफार्मा जारी करने की मांग की। स्कूल की मांग पर शिक्षा मंत्री ने नई शर्तों के साथ स्कूलों को 1 वर्ष तक चलाने की मंजूरी दे दी।
मंत्री द्वारा गत दिनों लिए गए फैसले के मुताबिक अगर स्कूल बोर्ड द्वारा लगाई गई शर्तों को 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा नहीं करेंगे तो 31 मार्च के बाद सिर्फ प्ले वे स्कूल ही चला पाएंगे यानी शर्त पूरी न करने वाले स्कूलों को बोर्ड कंटीन्यूशन जारी नहीं करेगा। अब जमीनी हालात पर गौर करें तो एकदम से जगह को 500 गज तक बढ़ाना स्कूलों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा, क्योंकि जिन जगह पर ये स्कूल चल रहे हैं, वहां पर जगह के भाव अब काफी बढ़ चुके हैं। उधर देर शाम से ही बोर्ड के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है।
बोर्ड ने ये भी लगाई हैं शर्तें
-स्कूल के कमरों का साइज 20 गुणा 15 फुट होना चाहिए।
-पहली से 10वीं कक्षा तक के लिए 10 कमरे व 12वीं तक के लिए 14 कमरे होने चाहिएं।
-लैबोरेटरी का साइज 20 गुणा 15 फुट होना चाहिए।
-हर वोकेशनल ट्रेड के लिए एक वर्कशॉप जिसका साइज 33 गुणा 33 फुट होना चाहिए।
-स्कूल में 20 गुणा 15 फुट साइज कम्प्यूटर लैब।
- सिलेबस , पाठ्य पुस्तक और कोर्सेज बोर्ड द्वारा निर्धारित किए अनुसार होंगी।
-10वीं तक लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों की गिनती 500।
-सीनियर सैकेंडरी कक्षा तक 750 पुस्तकें ।
-सीनियर सैकेंडरी के अतिरिक्त ग्रुपों के लिए कम से कम 100 पुस्तक होनी अनिवार्य
- खेल का मैदान नहीं है तो खेल के मैदान के लिए लोकल बॉडीज के साथ कोई अरेंजैंट होना चाहिए।
अध्यापकों की नियुक्ति व सैलरी हेतु
टीचिंग स्टाफ को राज्य सरकार द्वारा रैगुलर कर्मचारियों के लिए लागू पर बैंड और ग्रेड पे में से कम से कम स्केल की निरंतर अदायगी की जाए। वेतन की अदायगी बैंक खाते के द्वारा की जाएगी। प्रोविडैंट फंड और ई.एस.आई. की कटौती संबंधित एक्ट/ कानून अनुसार की जाएंगी। वहीं टीचिंग स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए अनुसार होंगी लेकिन प्रबंधक कमेटी द्वारा स्कूल मुखी के कार्यकाल में 2 साल या 62 साल की आयु तक (जो भी पहले हो) की वृद्धि की जा सकती है या सेवानिवृत्ति भाव 58 साल की उम्र के उपरांत नए मुखी की नियुक्ति कांट्रेक्ट बेस पर की जा सकती है।
31 दिसम्बर तक पूरे करने होंगे नियम
सरकार द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार जो संस्थाएं उक्त दर्ज नॉर्म्स 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा करने के संबंध में कंटिन्यूएशन प्रोफार्मा भरने के समय अंडरटेकिंग देंगी, केवल उन्हीं संस्थाओं को 31 मार्च 2021 तक एसोसिएट स्कूल चलाने की आज्ञा दी जाएगी। जो स्कूल उक्त दर्ज नॉर्म्स को पूरा नहीं करेंगे, वे 31 मार्च 2021 से बंद हो जाएंगे या फिर समर्थ अथॉरिटी (शिक्षा विभाग / बोर्ड) की अनुमति के साथ केवल प्री-प्राइमरी कक्षाएं (3 साल से 6 साल), पहली और दूसरी श्रेणी तक स्कूल चला सकेंगे।