पंजाब के शराब ठेकेदारों ने नई Excise Policy का किया बायकॉट, CBI जांच की उठाई मांग

punjabkesari.in Sunday, Jun 12, 2022 - 11:22 AM (IST)

लुधियाना(सेठी): पंजाब के शराब लाइसेंसधारी ठेकेदारों ने आप सरकार द्वारा जारी एक्साइज पॉलिसी को बायकॉट करने का फैसला लिया है। इसी के चलते शनिवार को लुधियाना में एक बैठक का आयोजन भी किया गया। इसमें पंजाब भर के शहरों से ठेकेदारों ने हिस्सा लेकर एकजुट होकर सरकार की नई पॉलिसी के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। इसी के साथ 12 जून को होने वाली चंडीगढ़ में प्री-बिड मीटिंग का भी ठेकेदारों ने पुरजोर आवाज में बहिष्कार करने को कहा। शराब ठेकेदारों का कहना है कि पंजाब सरकार मौजूदा ठेकेदारों से कारोबार छीन कर, बड़े प्लेयर्स को सौंपना चाहती है, क्योंकि जाहिर सी बात है कि पहले जो ग्रुप 7-8 करोड़ की कीमत का था, वह अब लगभग 40 करोड़ का है। इसके साथ ग्रुप साइज भी बहुत बड़े कर दिए गए हैं। मौजूदा पॉलिसी में पंजाब में 776 के करीब ग्रुप हैं जिसे कम करके नई पॉलिसी में 177 कर दिया गया है।  

दिल्ली की फ्लॉप आबकारी नीति जबरन पंजाब पर थोपी जा रही है 
पंजाब में दिल्ली की आबकारी नीति की तर्ज पर नीति लागू की गई है। इसमें टेंडर सिस्टम के माध्यम से ठेकों की नीलामी की जा रही है जबकि सोचने वाली बात है कि दिल्ली में लागू आबकारी नीति अभी तक फ्लॉप साबित रही है और दिल्ली के लगभग 11 ग्रुप ठेकेदार छोड़ चुके हैं, फिर मान सरकार किस मजबूरी से दिल्ली की फ्लॉप आबकारी नीति का पंजाब में एक्सपेरिमेंट करना चाहती है। 

केवल सुपर एल-1 के हित में पंजाब की नई पॉलिसी, बनाई जा रही है मोनोपोली मार्किट
ठेकेदारों का कहना है कि आप सरकार सुपर एल-1 कांसेप्ट लागू कर केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही एल-1 सौंप मोनोपोली मार्किट बनाना चाहती है। ठेकेदार इसके सख्त खिलाफ हैं क्योंकि इससे छोटे ठेकेदार बुरी तरह से कारोबार में पिट जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में भी अकाली दल सरकार ने सुपर एल-1 पॉलिसी लागू की थी जो बिलकुल फ्लॉप साबित हुई और सरकार का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ था। 
 
नई नीति के मुताबिक केवल एल-1 वाला ही मुनाफा कमाएगा
ठेकेदारों ने मौजूदा पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने ठेकेदारों के खिलाफ जाकर ना जाने किसके हितों को देखते हुए पॉलिसी बनाई है। पॉलिसी में केवल बड़े प्लेयर्स को ही फायदा दिया गया है। नई नीति के मुताबिक केवल एल-1 वाला ही मुनाफा कमाएगा। उनका कहना है कि सरकार पिछले 5 वर्ष का डाटा उठाकर देख सकती है कि ठेकेदारों द्वारा एक्साइज कारोबार का रेवेन्यू कभी घटने नहीं दिया गया। फिर क्यों आप सरकार सिक्योरिटी व फीस के नाम पर 28 फीसदी एडवांस के तौर पर ठेकेदारों से ऐंठना चाहती है। 

'ओपन कोटा' लागू कर घर-घर शराब पहुंचाने का काम कर रही है सरकार 
गुरदेव शर्मा देबी ने कहा कि पंजाब में आई नई आम आदमी सरकार एक तरफ तो पंजाब को नशा मुक्त व रंगला पंजाब बनाना चाहती है और दूसरी ओर शराब पॉलिसी में कोटा ओपन कर घर-घर में शराब पहुंचाने का कार्य कर रही है। यह कारोबार के साथ-साथ लोक हित के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति की सी.बी.आई. व ई.डी. विभाग द्वारा जांच की जानी चाहिए। साथ ही इस बात का पता लगाना चाहिए कि क्यों राज्य सरकार ठेकेदारों का नुकसान करना चाहती है और किस को लाभ पहुंचना चाहती है। इसके साथ-साथ जिस किसी को भी एल-1 सौंपे जाते हैं उसकी जांच भी निश्चित रूप से की जाए और पता लगाया जाए कि आप सरकार पंजाब में शराब कारोबार बर्बाद करके किनकी जेबें गर्म करना चाहती है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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