बहरीन में रह रही पंजाब की महिला को लिव-इन-पार्टनर ने बेचा, पढ़ें होश उड़ा देने वाला मामला
punjabkesari.in Saturday, May 25, 2024 - 10:39 AM (IST)
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चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भारत संघ को बहरीन में रह रही एक महिला और उसके माता-पिता के बीच 'सही स्थिति' सामने लाने के लिए तत्काल वीडियो कॉल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश माता-पिता द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आया, जो वीडियो कॉल और महिला से प्राप्त संचार के आधार पर माता-पिता द्वारा दाखिल की गई है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी बेटी को बहरीन में उसके लिव- इन पार्टनर द्वारा बेच दिया गया है।
जैसे ही मामला दोबारा सुनवाई के लिए आया, न्यायमूर्ति आलोक जैन पर आधारित बैंच को फिल्लौर के डी. एस. पी. सरवनजीत सिंह द्वारा प्रस्तुत एक हलफनामे के माध्यम से बताया गया कि महिला ने 9 मार्च को वीडियो सामने आया था और अगले दिन अपने साथी के साथ बहरीन की यात्रा की। जस्टिस जैन ने स्थिति की तात्कालिकता पर जोर दिया और अधिकारियों को सुनवाई की अगली तारीख तक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने से पहले जल्द से जल्द महिला और उसके माता- पिता के बीच वीडियो कॉल करवाने के प्रबंध करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की आगे की सुनवाई अगले हफ्ते होगी। पहले हुई सुनवाई के दौरान बैंच ने भारत संघ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि कतर में भारतीय दूतावास महिला की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मामले की तत्परता से जांच करे। याचिका में माता-पिता ने 'लव- जिहाद' का संदर्भ दिया था।
बहरील से पहले ओमान गई थी
वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिका वीडियो कॉल और बेटी से प्राप्त संचार के आधार पर दायर की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे बहरीन में उसके लिव-इन पार्टनर द्वारा बेच दिया गया था और उसे खत्म किए जाने की संभावना थी। उपलब्ध रिकॉर्ड से पता चलता है कि सीधे बहरीन की यात्रा करने से पहले वह शुरू में ओमान गई थी। बंदी से प्राप्त ईमेल के अनुसार यह दर्ज किया गया है कि उसने अपनी निराशा के कारण सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया था। लेकिन उसने वीडियो हटा दिया था और कहा था कि याचिकाकर्ता उसे फोन कर रहे थे और भारत लौटने के लिए कह रहे थे। माता- पिता के वकील परीक्षित ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों द्वारा उनके और पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए व्यक्ति के बीच वीडियो कॉल की व्यवस्था करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब अधिकारी उनसे संपर्क करेंगे तो माता-पिता संबंधित पुलिस स्टेशन में मौजूद रहेंगे।