SGPC ने ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम का गौरवशाली इतिहास ’ पुस्तिका पर उठाए सवाल

punjabkesari.in Thursday, Dec 16, 2021 - 08:29 PM (IST)

अमृतसर (दीपक शर्मा): विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उदघाटन मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम का गौरवशाली इतिहास’ नाम की एक पुस्तिका रिलीज करके बड़ी संख्या में बांटने की निंदा करते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने इस पर मुकम्मल पाबंदी लगाने की मांग की है। शिरोमणि समिति के उप सचिव मीडिया कुलविन्दर सिंह रमदास ने कहा कि विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उदघाटन मौके उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के ‘सूचना और जन संपर्क विभाग’ की तरफ से ‘प्रसाद ’ के तौर पर ‘श्री काशी विश्वनाथ धाम का गौरवशाली इतिहास ’ नाम की एक पुस्तिका रिलीज करके बड़ी संख्या में बांटा गया, जिसमें सिख धर्म का काशी के साथ संबंध बताते हुए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग के साथ पेश किया गया है। इसमें यह दिखाया गया है कि श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की तरफ से जिन पांच प्यारों के द्वारा खालसा पंथ का निर्माण किया गया था, उन पांच प्यारों को पहले काशी भेजा गया था जिससे वह सनातन धर्म के पूर्ण तत्व -ज्ञान प्राप्त करते हुए उसकी चौकीदारी के लिए तत्पर हो सकें। इस पुस्तिका में यह भी कहा गया है कि सिख धर्म की स्थापना मुगलों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए हुई थी। 

उन्होंने कहा कि वास्तव में खालसा पंथ को निर्माण जबर, जुल्म और अन्याय विरुद्ध धार्मिक कदरों-कीमतों और मानवीय अधिकारों की चौकीदारी के लिए हुई थी, न कि सनातन धर्म की चौकीदारी के लिए। पांवटा साहिब में जब पंडित रघुनाथ ने दलित वर्ग के साथ सम्बन्धित कुछ सिख विद्यार्थियों को ‘देव-भाषा ’ संस्कृत पढ़ाने से इन्कार कर दिया, तो गुरु गोबिन्द सिंह जी की तरफ से अलग-अलग जातियों के साथ सम्बन्धित यह पंज सिंह, संस्कृत भाषा सीखने के उद्देश्य के साथ काशी भेजे गए थे, न कि सनातन धर्म की प्रशिक्षण दिलाने के मकसद के साथ। काशी भेजे गए पांच सिंहों का खालसा बनाने समय भेंट करने वाले पांच प्यारों (भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिंमत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई साहब सिंह) के साथ कोई मेल नहीं है। 

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Content Writer

Subhash Kapoor

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