इस्सेवाल गैंगरेप केस मामले में आरोपियों के विरुद्ध अदालत ने सुनाया यह फैसला

punjabkesari.in Monday, Feb 28, 2022 - 09:54 PM (IST)

लुधियाना (मेहरा): बहुचर्चित ईसेवाल नहर के निकट हुए गैंगरेप मामले में आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रश्मि शर्मा की अदालत ने गैंगरेप में शामिल सभी 6 आरोपियों सादिक अली निवासी पुलिस थाना मुकंदपुर जिला नवांशहर, जगरूप सिंह उर्फ रूपी निवासी गांव जसपाल बांगड़, अजय उर्फ ब्रिजनंदन निवासी यू.पी., सैफ अली निवासी हिमाचल प्रदेश, सुरमा निवासी खानपुर पुलिस थाना डेहलों, लियाकत अली निवासी जम्मू-कश्मीर को दोषी करार दिया है, लेकिन उन्हें सजा चार मार्च को सुनाई जाएगी। करीब तीन साल तक चले उपरोक्त में मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 54 गवाह अदालत में कलमबंद कराए गए थे, लेकिन सबसे अहम पीड़िता की गवाही के साथ-साथ तफ्तीश आफिसर की गवाही ने आरोपियों को सजा के मुकाम पर लाने में अहम भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि जांच अधिकारी मंजीत कौर द्वारा पीड़ित युवती के बयान लिखे गए थे और साथ ही उसका मैडीकल भी कराया गया था। इस मामले में पुलिस द्वारा 4 अप्रैल 2019 को आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट फाइल कर दी गई थी। पुलिस थाना दाखा ने पीड़ित लडक़ी की शिकायत पर उक्त आरोपियों के विरुद्ध पुलिस थाना डेहलों में गैंग रेप के आरोप में धारा 376डी, 342,384, 354 बी ,279 बी 364-ए,397 आई.पी.सी. के तहत 10 फरवरी 2019 को पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

इसकी जांच समकालीन डी.एस.पी. दाखा हरकमल कौर पी.पी.एस. के नेतृत्व में विशेष जांच टीम की तरफ से गई थी। पूरी जांच की निगरानी वी. नीरजा आई.पी.एस., ए.डी.जी.पी., एन.आर.आई. विंग पंजाब द्वारा की गई थी। जांच दौरान धारा 364 -ए, 354 -बीज, 379 -बी, 397 आई.पी.सी. और 66 -ई आई.टी. एक्ट जोड़ा गया और डी.आई.जी. लुधियाना रेंज रणबीर सिंह की निगरानी में पुलिस टीम ने 3 दिनों में सभी 6 मुलजिमों को गिरफ्तार कर लिया।

क्या था मामला:
पीड़िता के मुताबिक घटना वाले दिन 9 फरवरी 2019 को वह अपने पुरुष मित्र के साथ शाम करीब आठ बजे इस्सेवाल साइड से लुधियाना की तरफ आ रहे थे और इस्सेवाल नहर से थोड़ा आगे जब वे पहुंचे तो उनके पीछे एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक आए, जिन्होंने उनकी कार को रोका और बाद में फोन करके 7 और युवक मोटरसाइकिलों पर बुला लिए, जिन्होंने ज़बरदस्ती उसके मित्र को खींचकर कार की पिछली सीट पर बिठा दिया और उन्हें कार सहित उनका अपहरण कर एक खाली प्लाट में ले गए, जहां उन्होंने ज़बरदस्ती क़रीब 10 व्यक्तियों ने उसकी इच्छा के विपरीत बारी-बारी से उसके साथ गैंगरेप किया और उन्हें छोड़ने के बदले एक लाख रुपए की फिरौती की मांग की। जब उनका मित्र रुपए लेकर नहीं आया तो रात्रि करीब 2 बजे उन्होंने उनके कार की चाबी फैंक दी और खुद फ़रार हो गए। बाद में वे किसी तरह मुल्लापुर एक ढाबे में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने मित्र को सारी घटना बताई। 

उक्त मामला पुलिस के पास आने के साथ-साथ जब मीडिया में पहुंचा तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी और पीड़िता का बयान लेने के साथ-साथ उसका मैडीकल भी करवाया। बाद में पुलिस ने अपनी टीम में बनाते हुए जांच के दौरान पीड़िता से आरोपियों के स्कैच बनवाए। जिसके आधार पर जांच करते हुए मोबाइल लोकेशन के आधार पर मामला करते हुए गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट द्वारा जमानत भी दी गई थी, लेकिन अन्य आरोपी जेल में ही बंद थे। आरोपियों की ओर से अपने बचाव में कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया। अदालत में अपने पक्ष में कोई भी ठोस गवाह पेश करने में असफल रहने के कारण अदालत ने आखिरकार उन्हें दोषी करार दे दिया और उन्हें अब सजा 4 मार्च को सुनाई जाएगी।

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Content Writer

Subhash Kapoor

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