ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर जाली कंपनियों के नाम पर शामलात जमीनें हड़पने की कोशिश
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 04:59 PM (IST)

मोहाली (नियामियां): मोहाली जिले के न्यू चंडीगढ़ के गांव चंदपुर की 86 एकड़ जमीन राजनीतिक नेताओं की संस्थाओं द्वारा सरकारी अफसरों की शह पर कौड़ियों के दाम लीज पर लेकर इन दिनों हड़पने की कोशिशें की जा रही हैं। अगर कोई पंचायती मेंबर या गांव निवासी जमीन हड़पने की कोशिशों का विरोध करता है तो उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाते हैं और विरोध करने वाले पंचायत मेंबरों पर झूठा आरोप लगा कर उन्हें सस्पेंड करवा दिया जाता है।
गांव चंदपुर में विरोध करने वाले दो पंचायती मेंबरों को सस्पेंड करके सिर्फ तीन पंचायती मेंबरों को भू-माफिया ने अपने साथ मिलाकर जमीनें लीज पर लेने के लिए प्रस्ताव डाल दिए और अखबारों में इश्तेहार देकर किसी ब्लाइंड लोगों की मदद करने वाली संस्था के नाम पर ढाई एकड़ जमीन लीज पर दे डाली। समाजसेवी संस्थाओं के नाम पर और जमीनें हड़पने की कोशिशों के मामले उजागर होने के बाद गांव चंदपुर के लोगों ने पंजाब अगेंस्ट क्रप्शन के प्रधान सतनाम दांऊ के साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया कि गांव की 86 एकड़ जमीन पर मौजूदा व पूर्व राजनीतिक नेताओं ने सरकारी अफसरों की मिलीभगत के साथ संस्था बनाकर कुछ एकड़ जमीन लीज पर ले ली है और बाकी जमीन को लीज पर लेकर हड़पने की तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि जब गांव चंदपुर के दो पंचायती मेंबरों कुलदीप सिंह और जसविंदर कौर ने इसका विरोध किया तो उन पर झूठे मामले दर्ज करवा कर उन्हें सस्पेंड करवा दिया गया।
यही नहीं दूसरी तरफ विरोध करने वालों पर जो मामले दर्ज करवाए गए उनमें गांव वालों को इंसाफ मिला और गांव वालों के हक में अदालत ने फैसला देकर दूध का दूध -पानी का पानी कर दिया। अब तीन पंचायती मेंबरों से भू-माफिया ने अपनी मनमर्जी के साथ प्रस्ताव डलवा कर बीडीपीओ दफ्तर माजरी के जरिए जमीन लीज पर लेने के लिए इश्तेहार दिए हैं। सतनाम दांऊ ने कहा कि अखबारों में छपे इश्तेहार अनुसार बीडीपीओ और उच्च अधिकारियों ने जब पहले ही फैसला कर लिया है कि किस संस्था को जमीन लीज पर देनी है तो फिर झूठे इश्तेहार देकर खुली बोली करने का ढोंग सिर्फ कानूनी खानापूर्ति करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का ही मामला पहले मोहाली के गांव बलौंगी में उजागर हुआ था जिसमें एक मंत्री के घर के पते पर मंत्री की एनजीओ को इसी तरीके के साथ 10 एकड़ जमीन लीज पर दे दी गई थी। फिर दूसरा मामला गांव दांऊ का सामने आया जहां पंचायत से इसी तरीके के साथ जमीन लीज पर लेकर हड़प ली और प्रस्ताव डाले गए। लेकिन गांव की ग्राम सभा द्वारा विरोध करने के कारण इस समय यह मामला लटक गया है।
अब तीसरा मामला गांव चंदपुर का उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि घपले का मामला विधानसभा में गूंज चुका है लेकिन फिर भी सरकार ने इस भू-माफिया घपलेबाजों पर नकेल नहीं डाली। गांव निवासी दर्शन सिंह ने कहा कि भू-माफिया ने सरकारी अधिकारियों व पंचायत के साथ मिलकर जाली फर्द बनाकर जमीनों के मुआवजे गलत तरीके के साथ हासिल किए और भ्रष्टाचार के साथ हासिल के मुआवजों के घपले को दबाने के लिए गांव में ट्यूबल लगवाने आदि के ढोंग रच डाले। जिसकी विजिलेंस जांच में भी पंचायत विभाग के एक्सईएन, जेई, एसडीओ और ग्राम पंचायत के कुछ मेंबर दोषी पाए गए और मामला विधानसभा में गूंजा लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई ।उल्टा आवाज बुलंद करने वालों पर झूठे मामले दर्ज किए गए जो अदालत ने खारिज कर दिए हैं।