Shocking! चिट्टे का नशे करने वाले युवकों को लेकर सामने आए ये हैरान करने वाले तथ्य

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 02:00 PM (IST)

नवांशहर (त्रिपाठी) : पंजाब के युवाओं के दिन प्रति दिन चिट्टे की दलदल में धंसते जाने के कारणों की वास्तविकता जानने के लिए जब पंजाब केसरी की टीम ने नवांशहर के सिविल सर्जन दफ्तर में उपचाराधीन कुछ नशा पीड़ित युवकों से संपर्क किया तो कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। कुछ युवकों से बात करने पर यह बात सामने आई कि वे चिट्टे का प्रयोग करने के बाद नपुंसकता का भी शिकार हो रहे हैं जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद होकर रह गई है।इस मौके पर ओट सैंटर में बतौर डाक्टर सेवाएं दे रहे डा. रमन ने बताया कि सैक्स पावर बढ़ाने के लिए युवक चिट्टा लेना शुरू करते हैं, जो उन्हें धीरे-धीरे नपुंसक बना देता है। उन्होंने बताया कि इस नशे की दलदल में फंसे अधिकतर युवक 30 वर्ष से कम आयु के होते हैं। उन्होंने बताया कि चिट्टे की लत से ग्रस्त युवाओं में स्पर्म बनने बंद हो जाते हैं जो उन्हें नपुंसकता की ओर ले जाता है। उन्होंने बताया कि ओट सैंटर में आने वाले युवाओं की कौंसलिंग करके उन्हें जहां इस तथ्य से अवगत करवाया जाता है तो वहीं सेहत विभाग की ओर से लगने वाले नशा जागरूकता कैंपों में भी युवाओं को जागरूक करके भविष्य में आने वाली परेशानियों से अवगत करवाया जाता है। डा.रमन ने बताया कि युवाओं में शौक-शौक में नशा लेने, प्रतिदिन की समस्याओं, मानसिक परेशानी इत्यादि कारणओं के चलते भी युवक नशों के जंजाल में फंस रहे हैं।

‘दोस्त के कहने पर शुरू किया था चिट्टा लगाना, अब इलाज करवा रहा हूं’
ओट सैंटर में उपचाराधीन 30 वर्षीय एक अविवाहित युवक ने बताया कि प्लस टू की परीक्षा पास करने के उपरान्त वह विदेश जाने के लिए आईलैट्स करने चंडीगढ़ गया था। बस में सफर के दौरान एक युवती के साथ उसकी दोस्ती हो गई जोकि बाद में शारीरिक संबंधों तक पहुंच गई। दोस्त के कहने पर उसने सैक्स पावर बढ़ाने के लिए चिट्टा लगाना शुरू कर दिया। उसने बताया कि अब उसे चिट्टे की इतनी लत लग चुकी है कि इसके बिना शारीरिक संबंध बनाना उसके लिए संभव नहीं है। उसने बताया कि परिवार की ओर से इस लत से मुक्ति दिलाने के लिए उसे साईप्रस्त भेज दिया गया। पहले एक वर्ष तक वहां चिट्टे (नशे) की उपलब्धता का पता न होने के चलते वह इससे दूर रहा परन्तु वहां भी चिट्टा उपलब्ध होने के बाद वह फिर से इस दलदल में फंस गया। उसने बताया कि घर में मां के आंसुओं ने अपने जीवन में सुधार लाने की लालसा पैदा की है जिसके चलते वह नवांशहर के ओट सैंटर में उपचार करवा रहा है।

शौक से शुरू किया था चिट्टे का नशा, इंजैक्शन तक पहुंच गया, इलाज के बाद दोबारा इस नरक में न जाने का लिया संकल्प
ओट सैंटर में उपचाराधीन 36 वर्षीय युवक ने बताया कि वह पेशे से ड्राईवर है और 11 वर्ष के बेटे का पिता है। उसने बताया हैवी वाहन की ड्राईवरी करते हुए 19 वर्ष की आयु में ही उसने चूरा पोस्त लेना शुरू कर दिया था। उसके सीनियर चालकों का कहना था कि रात भर ड्राईवरी करने के लिए चूरा पोस्त का सेवन नींद नहीं आने देता। उसने बताया कि 2016 में उसने शौक से चिट्टे का नशा करना शुरू किया था जो अब इंजैक्शन तक पहुंच गया है। उसने बताया कि 3 वर्ष चिट्टे से दूर रह कर अमृत भी छक लिया जिससे लगा कि जीवन बदल गया है परन्तु एक सड़क हादसे ने उसकी जिंदगी फिर से नरक बना दी। उसने बताया कि सड़क हादसे में सिर में चोट लगने से केश कटवाने पड़े जिससे अमृत भंग हो गया तथा वह पुन: इस मार्ग पर चल पड़ा। परन्तु अब ओट सैंटर में उपचार के बाद उसकी दवाई छूट गई है तथा उसने संकल्प लिया है कि अब वह इस नरक में दोबारा नहीं आएंगे।

पाक की पंजाब के युवाओं को खत्म करने की हो सकती है साजिश
इस संबंध में जब कुछ बुद्धिजीवियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्तित्व में आने के बाद से ही पाकिस्तान भारत को कमजोर करने के लिए किसी भी साजिश को अंजाम देने से पीछे नहीं हट रहा। पंजाब में आतंकवाद के काले दौर अथवा कश्मीर घाटी में फैले आतंक के पीछे पाक का ही हाथ रहा है। पंजाब में पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों की ओर से पकडी जाने वाली चिट्टे की बड़ी-बडी खेपें भी पाक से ही आने की संभावनाएं जताई जाती रही हैं। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि पंजाब के बहादुर योद्धाओं जिन्होंने हमेशा पाक के साथ लडाई में दुशमन के दांत खट्टे किए हैं, को पाकिस्तान चिट्टे की लत लगाकर कमजोर करने साजिश रच रहा हो। पंजाब तथा केन्द्र की सरकारों को इस संबंध में गहन नीति तैयार करके न केवल पंजाब की युवा पीढी को नशों से बचाना होगा बल्कि पाक की इस तरह की नापाक हरकतों का जवाब भी उसी भाषा में देना होगा अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब पंजाब में बहादुर नौजवान देखने को नहीं मिलेंगे तथा पंजाब के युवाओं की बहादुरी के किस्से केवल किताबों तक ही सीमित होकर रह जाएंगे।
 


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Vatika

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