बिस्त दोआब कनाल बनी लोगों की मौत की नहर

punjabkesari.in Friday, Aug 25, 2017 - 12:53 PM (IST)

होशियारपुर(अश्विनी): वर्ष 1954-55 में 1452 क्यूसिक पानी डिस्चार्ज करने के लिए सतलुज व ब्यास दरिया के मध्य 4 जिलों होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला व शहीद भगत सिंह नगर के किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाने के लिए बनाई गई बिस्त दोआब कनाल पंजाब सरकार व नहरी विभाग के उच्चाधिकारियों की लापरवाही के चलते विकास की बजाय विनाश की तरफ बढ़ती दिख रही है। 

लेबर पार्टी भारत के प्रधान जय गोपाल धीमान ने आज यहां बताया कि बिस्त दोआब नहर के आसपास सरकंडों, भांग, बूटी व अन्य पौधों के चलते बिस्त दोआब कनाल लोगों की मौत की नहर बनती जा रही है। यह नहर लूटपाट करने वाले लोगों की पनाहगाह भी बन रही है। 
 

10-10 फुट ऊंचे सरकंडे बढ़ा रहे हैं नहर की शोभा
उन्होंने बताया कि नहर के दोनों तरफ 10-10 फुट ऊंचे सरकंडों के कारण किनारों पर यातायात को सही ढंग से दर्शाने वाली बुॢजयां भी दिखाई नहीं देतीं। इसके कारण नहर के किनारे हमेशा आलोप रहते हैं व वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। 

सफाई के अभाव में पानी का बहाव 1452 से कम होकर 1000 क्यूसिक रह गया
सूत्रों के अनुसार नहर की सफाई उचित ढंग से न किए जाने के चलते नहर में पानी का बहाव 1452 क्यूसिक से कम होकर 1000 क्यूसिक रह गया है। नहर का नवीनीकरण करने पर कई करोड़ रुपए की राशि कुछ समय पूर्व खर्च की गई थी। लोगों ने गढ़शंकर से लेकर नहर के साथ बनाई गई सड़क की दशा भी सुधारने की मांग की है। 


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