अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के मामलों को सुलझाने हेतु DC ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 08:12 PM (IST)

जालंधर: डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने गुरुवार को पुलिस विभाग और ज़िला अटॉर्नी कार्यालय को अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत मामलों की जांच समय पर पूरी करने के आदेश दिए। आज यहां ज़िला प्रशासनिक परिसर में आयोजित बैठक के दौरान डी.सी. ने बताया कि ज़िला स्तरीय कमेटी को मुआवज़े के लिए कमिश्नरेट पुलिस, जालंधर देहाती पुलिस और ज़िला अटॉर्नी कार्यालय से 32 मामले प्राप्त हुए हैं। सारंगल ने ज़िला सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक अधिकारी को अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत सभी स्वीकृत मामलों में प्रभावित लोगों को मुआवज़ा वितरण सुनिश्चित करने के लिए कहा। डी.सी. ने ज़िले में एस.सी./एस.टी. समुदाय के हितों की रक्षा के लिए एस.सी./एस.टी. अत्याचार निवारण अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि एस.सी./एस.टी. अत्याचार निवारण एक्ट के तहत शिकायत दर्ज़ करवाने वाला कोई भी व्यक्ति एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज़ होने के बाद मुआवज़े के लिए योग्य है।
उन्होंने कहा कि एफ.आई.आर. पुलिस द्वारा दर्ज़ की जाती है जबकि ज़िला अटॉर्नी कार्यालय जांच करता है कि एफ.आई.आर. में लगाई गईं धाराएं प्रासंगिक हैं या नहीं। बैठक में पुलिस द्वारा दर्ज़ किए गए मामलों और ज़िला अटॉर्नी द्वारा लड़े जा रहे मामलों पर भी विचार-चर्चा की गई। इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के लिए और अधिक प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
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