शहर में फूड विक्रेताओं और ढाबों पर सप्लाई होना था नकली पनीर, मौके पर ही ...

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 12:57 PM (IST)

लुधियाना (सहगल): जिला स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने सीआईए स्टाफ जगराओं की सहायता से संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 189 पनीर जब्त करके उसके सैंपल जांच के लिए भेजे हैं सिविल सर्जन डा. रमनदीप कौर ने बताया कि जांच के दौरान एक वाहन को गांव रांगढ़ भुल्लर, सिधवां बेट रोड, जगराओं के पास रोका गया। जांच के दौरान उस वाहन से 189 किलोग्राम पनीर बरामद किया गया।

सिविल सर्जन के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह पनीर निरवाणा (हरियाणा) से प्रति किलो ₹210 की दर पर खरीदा गया था और इसे जगराओं से नकोदर के बीच स्थित फास्ट फूड विक्रेताओं और ढाबों में सप्लाई किया जाना था। 

Fake Cheese Seized

फूड सेफ्टी टीम ने मौके पर ही पनीर के नमूने एकत्र किए, जिन्हें जांच के लिए स्टेट लैब प्रयोगशाल में भेजा गया है। यह पूरी कार्रवाई भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई, जिनके तहत डेयरी उत्पादों के निर्माण, भंडारण और परिवहन के दौरान स्वच्छता, तापमान नियंत्रण और गुणवत्ता मानकों का पालन अनिवार्य है। शेष पनीर को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, ताकि यह संदिग्ध खाद्य सामग्री बाजार में न पहुंच सके।

सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर ने कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ऐसी सख्त निगरानियां जारी रहेंगी। उन्होंने खाद्य व्यवसाय संचालकों से अपील की कि वे फूड सेफ्टी एक्ट के सभी मानकों का पालन करें, ताकि उपभोक्ताओं तक मिलावटी या असुरक्षित खाद्य सामग्री न पहुंच सके। डॉ. संदीप सिंह ने बताया कि जिले में नियमित और आकस्मिक निरीक्षण अभियान जारी रहेंगे ताकि मिलावटी और निम्न गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके।

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व्यापक जांच की जरूरत

लोगों का कहना है कि त्योहार के दिनों में खाने-पीने की वस्तुओं की व्यापक जांच की जरूरत है स्वास्थ्य विभाग को निरंतर सक्रिय रहना चाहिए उन्होंने कहा कि हलवाइयों की निरंतर जांच अति जरूरी है ताकि यह पता चल सके की कौन सा हलवाई कैसी मिठाइयां बना रहा है और दूध व दूध से बने पदार्थ के गुणवत्ता की भी निरंतर जांच की जरूरत है उन्होंने कहा कि यह लोगों की सेहत से जुड़ा हुआ मामला है।

नाम करें उजागर, छुपा कर ना रखें

जहां एक और फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पिछले दिनों जांच के दौरान के बड़े फूड चेन के ब्रांड के सैंपल फेल होने पर उनके नाम उजागर किए हैं जबकि स्थानीय फूड विंग ब्रांच के अधिकारी मिलावटखोरों के नाम इस तरह छुपा कर रखते हैं जैसे उनके नाम छुपाना लोगों की सेहत से अधिक जरूरी है लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग ऐसा नहीं करता तो उसे भी मिलावटखोरों के साथ शामिल समझा जाना चाहिए।

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News Editor

Urmila

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