Ludhiana : SCD कॉलेज में शुरू हुआ नया विवाद, इस अधिकारी की नियुक्ति पर उठे सवाल
punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 06:26 PM (IST)
लुधियाना (विक्की) : उच्च शिक्षा विभाग में डिप्टी डॉयरेक्टर पद से बदलकर SCD सरकारी कॉलेज में भेजे गए प्रो. अश्वनी भल्ला को अब इसी कॉलेज में काम काज देखने का जिम्मा देने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। उक्त मामले में एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड कॉलेज टीचर्स पंजाब और चंडीगढ़ ने सी.एम. मान को एक पत्र भेजा है, जिसमें सरकारी कॉलेज गर्ल्स की प्रिंसिपल सुमन लता द्वारा जारी आदेश की प्रति संलग्न की गई है। एसो. ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि प्रिंसिपल सुमन लता जिनके पास वर्तमान में सरकारी कॉलेज लड़के लुधियाना की डीडीओ पावर भी है, ने विवादों में घिरे पूर्व डी.डी.पी.आई. अश्वनी भल्ला को उक्त कॉलेज की देखरेख का जिम्मा सौंप दिया है।
एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रोफेसर तरुण घई ने बताया कि मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह सवाल उठाया गया है कि जिस अश्वनी भल्ला के खिलाफ आई कई शिकायतों पर एक्शन लेते हुए खुद मुख्यमंत्री ने उसका तबादला किया और बाद में विजिलेंस जांच के आदेश भी दिए। अब उसी अधिकारी को एससीडी सरकारी कॉलेज की देखरेख की जिम्मेदारी दे जा रही है।
घई ने कहा कि प्रिं. सुमन लता ने पत्र में कहा है कि एससीडी कॉलेज की सीनियर प्रो. सत्या रानी की अनुपस्थिति में अश्वनी भल्ला कॉलेज की देखरेख करेंगे, जो विवाद का विषय बना हुआ है। प्रोफेसर तरुण घई ने आगे कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश खुद मुख्यमंत्री ने दिए हो, उसे उसी कॉलेज का चार्ज देना, जहां उसकी शिकायतों से संबधित पूरा रिकॉर्ड पड़ा हुआ है कहां तक उचित है। घई ने आशंका जताई कि प्रो. भल्ला रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। उन्होंने अपील की है कि प्रिंसिपल सुमन लता से इस फैसले के पीछे का कारण पूछा जाए कि आखिर क्यों जांच का सामना कर रहे व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही एसोसिएशन ने मांग की है कि अश्वनी भल्ला का तत्काल प्रभाव से कॉलेज से तबादला किया जाए ताकि वह विजिलेंस जांच के दौरान रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ न कर सके।
क्या कहना है प्रिंसीपल का
मेने उक्त बारे जारी पत्र में साफ लिखा है कि प्रो. सत्या रानी की गैर मौजूदगी में ही प्रो.अश्वनी भल्ला कॉलेज के कामों की देखरेख करेंगे। यह नियमों के तहत भी है क्योंकि कॉलेज में सत्या रानी के बाद प्रो.भल्ला की ही वरिष्ठता बनती है। रही बात रिकॉर्ड से छेड़ छाड़ की तो भल्ला को केवल देखरेख का जिम्मा दिया गया है न कि किसी दस्तावेज को देखने का। लड़कों के कॉलेज का चार्ज मेरे पास होने के नाते मेरी जिमेदारी बनती है कि कहीं कोई कमी न रहे, केवल इसलिए यह आदेश दिए गए हैं। इनको किसी दूसरे मामले से जोड़ा जाना गलत है।